दर्द जब हद से गुजर गया
तीन अलग केसेज में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, इंटरमीडिएट की स्टूडेंट और युवक ने किया suicide
रोहनिया, चोलापुर और भेलूपुर एरिया में हुई घटनाएं VARANASI : जीने की दुश्वारियों की इंतेहा हुई और हौसले ने साथ छोड़ दिया तो तीन लोगों ने खुद को खत्म करने का फैसला कर लिया। अलग-अलग थाना एरियाज में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, इंटरमीडिएट की स्टूडेंट और एक अन्य युवक ने सुसाइड कर लिया। पिता की जुदाई का था गमभेलूपुर थाना एरिया के अवधगर्बी में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव तपन चक्रवती मां सपना, पत्नी सुमन और डेढ़ साल के बच्चे के साथ किराए के मकान में रहता था। उसकी मां और पत्नी रविवार को पिताम्बरपुरा में रहने वाले मामा के घर पर गई थीं। वे सोमवार की सुबह जब घर लौटीं तो घर का दरवाजा अंदर से बंद मिला। काफी प्रयास के बाद भी दरवाजा नहीं खुला तो इसकी जानकारी उन्होंने मकान मालिक को दी। आसपास के लोगों की सहायता से दरवाजा खोला तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई। साड़ी के फंदे के सहारे पंखे से तपन की लाश लटक रही थी। फैमिली मेम्बर्स का कहना है कि डेढ़ साल पहले उसके पिता गुरुदास चक्रवती की मौत हो गई थी। उसके बाद से ही तपन डिप्रेशन में था। पाण्डे हवेली में उसने नया फ्लैट खरीदा था। दुर्गापूजा में उसमें शिफ्ट करने की तैयारी चल रही थी।
बर्दाश्त नहीं हुई पिता की डांट चोलापुर थाना एरिया के प्रेमनगर में रहने वाली खुशबू ने रविवार की दोपहर खुद पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा ली थी। चीख-पुकार सुन पहुंचे परिजनों ने काफी मशक्कत के बाद आग बुझाया। गंभीर हालत में उसे प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। जहां इलाज के दौरान देर रात उसकी मौत हो गई। खुशबू इंटरमीडिएट की स्टूडेंट थी। सोर्सेज की मानें तो खुशबू को पढ़ाई करने के लिए उसके पिता ने उसे डांट पिलाई थी। इससे वह काफी नाराज थी और उसने खुद को कमरे में बंद कर आग के हवाले कर दिया। बीमारी बनी मौत की वजहवहीं रोहनिया थाना एरिया शहंशाहपुर में पिंटू (ख्ख् वर्ष) ने रविवार की रात खुदकुशी कर ली। उसका शव पंखे पर साड़ी के फंदे के सहारे लटकता मिला। परिवार को घटना की जानकारी सोमवार की सुबह तब हुई जब फैमिली मेम्बर्स उसे जगाने के लिए पहुंचे। इस दौरान कमरे का दरवाजा अंदर से बंद मिला। किसी तरह से दरवाजा खोलकर वे अंदर पहुंचे तो पंखे से लटकती पिंटू की लाश नजर आई। बताया जाता है कि उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी। बीते कुछ दिनों से उसका इलाज चल रहा था। पिंटू तीन भाइयों में सबसे छोटा था। उसने इंटर तक की पढ़ाई की थी। वह पिता को खेती में सहयोग करता था।