मोदी जी सुन लो पुकार, काशी को है एम्स की दरकार
काशी में बीएचयू से अलग एम्स की स्थापना के लिए जनता उमड़ी सड़क पर
पीएम मोदी के संसदीय कार्यालय पर दिया धरना, अपने शहर में बीएचयू से अलग मांगा एम्स VARANASI बनारस की जनता को अपने शहर में एम्स चाहिए। यह सिर्फ एक मांग नहीं इस शहर की जरूरत है। अपनी इसी मांग को लेकर रविवार को काशी की जनता डॉ। ओम शंकर के नेतृत्व में सड़क पर उतर पड़ी। लंका स्थित मालवीय जी की प्रतिमा के पास पहले जोरदार धरना-प्रदर्शन हुआ। उसके बाद पीएम के संसदीय कार्यालय तक पदयात्रा भी निकाली। वहां पर यात्रा आमसभा में तब्दील हो गयी। हो रहा है हमारे साथ अन्याययहां पर लोगों ने काशी के साथ हो रहे भेदभाव और अन्याय के खिलाफ अपना रोष व्यक्ति किया तथा काशी में हीं एम्स के निर्माण की मांग की। वक्ताओं ने कहा कि काशी अनादिकाल से ही चिकित्सा जगत की जननी रही है जहां भगवान धन्वन्तरि ने भगवान भोले शंकर का समुद्रमंथन के पश्चात विषपान के बाद अमृतमय औषधियों से इलाज की, जिससे काशी कालजयी नगरी बन गयी। परंतु आज बड़े ही दु:ख की बात है कि इसी काशी के लोगों के साथ, जहां के सांसद भारत के प्रधानमंत्री हैं, अन्याय हो रहा है। लोगों को सही इलाज नहीं मिल पा रहा है। लोगों को इलाज के लिए दूसरे शहरों में जाना पड़ रहा है जिससे उनके समय और धन दोनों की हानि हो रही है।
दिखाया जा रहा है सपना आक्रोशित लोगों ने कहा कि पहले काशी को क्योटो का सपना दिखाकर स्मार्ट सिटी छीना गया और अब एम्स छीना जा रहा है। ऐसे में तो काशी के पास अब कुछ बचेगा ही नहीं। सभा में विभिन्न राजनैतिक दलों के नेताओं के साथ बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स और आम नागरिक शामिल थे।