मुख्तार व उसके साले सरजील रजा का डर दिखाकर अग्रहरी ने करोड़ों की अकूत संपत्ति खरीदी. इसके यहां पूर्व में ईडी की छापेमारी भी हो चुकी है.

वाराणसी (ब्यूरो)गाजीपुर के माफिया मुख्तार अंसारी की सरपरस्ती की धौंस देकर कई नामचीन फर्श से अर्श पर पहुंच गए। इनमें एक अहम नाम अग्रहरी परिवार का है। मुख्तार व उसके साले सरजील रजा का डर दिखाकर अग्रहरी ने करोड़ों की अकूत संपत्ति खरीदी। इसके यहां पूर्व में ईडी की छापेमारी भी हो चुकी है। अभी हाल ही में करोड़ों की जमीन कब्जा में विक्रमबाबू अग्रहरी उर्फ विक्की अग्रहरी व संजय अग्रहरी जेल जा चुके हैं, जबकि शंकु अग्रहरी फरार हैं। इसके अलावा भी कई ऐसे लोग रहे जिन्होंने मुख्तार अंसारी के रौब व आतंक से डराकर प्रापर्टी, व्यवसाय, शराब, ठेके आदि के माध्यम से करोड़ों बनाया.

ध्वस्त हुई थी बिल्डिंग

मुख्तार अंसारी के सबसे करीबी प्रापर्टी डीलर के यहां ईडी ने छापेमारी की थी। आयकर विभाग ने प्रापर्टी डीलर के नाम पर मुख्तार अंसारी की बेनामी संपत्तियां पकड़ी थी। मुख्तार अंसारी का ही रौब दिखाकर इसने भी अकूत संपत्ति बनाई थी। इसी आरोप में जिला प्रशासन ने इसकी करोड़ों की बिल्डिंग को ध्वस्त कर दिया। इसके साथ ही गाजीपुर सहित मऊ में भी कई संपत्ति को कुर्क किया जा चुका है।

बीते वर्ष ईडी का छापा

मुख्तार के साले के साथ मिलकर जबरदस्ती करोड़ों की भूमि बैनामा कराने के मामले में जेल गए विक्रम और संजय अग्रहरी ने भी बहुत संपत्तियां अर्जित की थी। इनके यहां बीते वर्ष ईडी का छापा पड़ा था, घंटों तक इनके घर से मिले कागजात को ईडी की टीम चेक करती रही और अपने साथ भी लेकर गई। इसी तरह कई ऐसे लोगों का भी नाम है, जिन्होंने मुख्तार अंसारी का साथ पकड़कर ठेका, व्यवसाय, ट्रांसफर पोस्टिंग, एफसीआइ, शराब आदि कारोबार के माध्यम से अकूत कमाई की।

जो करीबी, उसी का ठेका

सपा-बसपा सरकार में ठेके उसे ही मिलते थे, जो मुख्तार का करीबी होता था। यहां तक कांशीराम आवासों के निर्माण का ठेका भी चहेतों को मिला था। मुख्तार अप्रत्यक्ष रूप से रहता था, जबकि सामने ठेकेदारों का नाम होता था। मुख्तार के कई करीबी इस समय भाजपा की सक्रिय राजनीति में हैं। इनमें एक भाजपा नेता का इस समय इंटरनेट मीडिया पर वीडियो भी प्रसारित हो रहा है, जो अभी हाल ही में सरकारी भूमि पर दुकान निर्माण कराने में सुर्खियों में रहा। वह खुद को कई मंत्रियों का करीबी बताता है। अभी भी ऐसे बहुत लोग हैं, जिनकी संपत्ति को पुलिस प्रशासन की ओर से चिह्नित किया जा रहा है.

Posted By: Inextlive