एसडीएम मेंहनगर रामानुज शुक्ला के निर्देश पर लेखपाल अतुल कुमार पांडेय ने मौके पर पहुंच कर पराली जलाने वाले वीरभानपुर निवासी किसान यशवंत चिंहित करते मेंहनगर थाना में तहरीर देकर मुकदर्मा दर्ज कराया.

वाराणसी (ब्यूरो)आजमगढ़ खेतों के लाभदायक जीवाणुओं को बचाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए राष्ट्रीय हरित अभिकरण(एनजीटी) का कड़ा कानून है। इसकी निगरानी सैटेलाइट से जा रही है। इसके बाद भी किसान फसल अवशेष जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं तो उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। एसडीएम मेंहनगर रामानुज शुक्ला के निर्देश पर लेखपाल अतुल कुमार पांडेय ने मौके पर पहुंच कर पराली जलाने वाले वीरभानपुर निवासी किसान यशवंत चिंहित करते मेंहनगर थाना में तहरीर देकर मुकदर्मा दर्ज कराया। थाना प्रभारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि लेखपाल की तहरीर पर संबंधित धाराओं में रिपोर्ट पंजीकृत की गई हैं .

वीरभानपुर गांव के दक्षिणी सिवान में गुरुवार को खेते में गेहूं की पराली जलाने बगल कई किसानों की लगभग सात बीघा गेहूं की फसल जल गई थी। ग्रामीणों का आरोप था कि गांव के ही एक व्य1ित ने अपने गेंहू की मड़ाई के बाद गेंहू की पराली (डंठल ) में आग लगा दी ,जिससे जले हुए पराली के अगल - बगल के किसानों के गेंहू की फसल में आग लग गई। सूचना पर थाना प्रभारी ,क्षेत्रीय लेखपाल मौके पर पहुंचे । लेखपाल ने सरकारी अभिलेख का मिलान कर बताया कि जगदीश पुत्र सिरताज ,रामलाल पुत्र रामदेव ,दिनेश पुत्र बलजीत ,संजय पुत्र मोती ,रामकेश पुत्र जित्तू ,श्री व राधेश्याम पुत्रगण रामजीत के अलावा ग्राम वीरभानपुर के पड़ोसी गांव के भोरमपुर निवासी सुशीला पत्नी धर्मराज की दो बीघा जमीन को बटाई पर लेकर अनर्जित पुत्र रामदेव की गेहूं की फसल जली है.

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पराली जलाने पर जुर्माना का निर्धारण

यदि कोई किसान पहली बार फसल अवशेष जलाता है तो दो एकड़ से कम भूमि होने पर ढाई हजार रुपये, दो से पांच एकड़ तक भूमि होने पर पांच हजार रुपये और इससे अधिक भूमि की स्थिति होने पर 15 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। यदि घटना की पुनरावृत्ति होती है तो जुर्माना तो लगाया ही जाएगा, साथ ही मुकदमा भी दर्ज होगी और संबंधित किसान कृषि विभाग की किसी योजना का लाभ भी नहीं ले सकेगा.

''कोई भी किसान फसल अवशेष खेत में न जलाए। बल्कि इसका प्रबंध कर मृदा स्वास्थ्य को टिकाऊ एवं अक्षुण्ण बनाएं। कंबाइन हार्वेस्टर से कटाई कराएं तो बिना सुपर एसएमएस के बिना कटाई न कराएं। यदि कोई हार्वेस्टर धारक बिना पराली प्रबंधन वाले यंत्रों के कटाई करते हुए पाया गया तो उसकी मशीन सीज कर दी जाएगी। फसल अवशेष न जलाने को किसानों को जागरूक करने के लिए ग्राम पंचायत वार कृषि विभाग व राजस्व विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है.

--डा। गगनदीप सिंह, जिला कृषि अधिकारी

Posted By: Inextlive