दशाश्वमेध व नई सड़क में बाजार लहुराबीर दुर्गाकुड सिगरा महमूूरगंज में खाली है जगह पर्यटकों के पाथवे पर वेंडर्स का कब्जा वहां कोई इडली तो कोई बेच रहा चुनरी निगम का चलता है अभियान तो हो जाते हैं गायब फिर लौट कर लगा लेते हैं दुकान

वाराणसी (ब्यूरो)जहां भीड़ देखी वहीं पटरियों पर लगा दी दुकान। जी हां यह शहर के वेंडरों की पहचान है। इनके लिए नगर निगम ने दर्जनों स्थानों पर वेंडिंग जोन बना रखा है लेकिन यह दुकान लगाएंगे तो भीड़-भाड़ वाले इलाके में ही। गोदौलिया और नई सड़क एरिया को देख लीजिए। यहां की पटरियों पर सैकड़ों वेंडर दुकान लगाए रहते है। हालत ये हो जाती है कि जाम की स्थिति हमेशा बनी रहती है।

शहर भर में वेंडिंग जोन

नगर निगम ने वेंडरों की सहूलियत के लिए दुर्गाकुंड, लहुराबीर, महमूरगंज, सिगरा कैंट, चौकाघाट समेत दर्जनों स्थान पर वेंडिंग जोन बना रखा है। वेंडरों को नगर निगम ने एलाट भी किया है, लेकिन वे इनमें दुकानें लगाने की बजाय अपने सामान लेकर चले जाते हैं गोदौलिया, नई सड़क और दशाश्वमेध क्षेत्र में। वहां सड़क के किनारे दुकान सजा लेते है। इसके बाद हाथ में सामान लेकर आने-जाने वालों को दिखाने लगते है.

कई वेंडिंग जोन खाली

हालात यह है कि शहर के कई वेंडिंग जोन की दुकानें खाली है। इनमें लहुराबीर, चौकाघाट, दुगाकुंड, महमूरगंज, सिगरा में बनी कई वेंडिंग जोन की दुकानें शामिल हैं। यहां अगर दुकानें लगायी जाएं तो कस्टमर भी आएंगे और वेंडरों को कहीं जाना नहीं पड़ेगा। हालांकि दशाश्वमेध के दुकानदारों ने वेंडरों की शिकायत कई बार नगर निगम के अधिकारियों से की, इसके बाद भी वेंडर वेंडिंग जोन में नहीं गए.

पाथवे पर बाजार

गिरजाघर चौराहे से लेकर दशाश्वमेध तक सड़क किनारे वेंडरों का कब्जा रहता है। गोदौलिया से लेकर दशाश्वमेध घाट तक सड़क किनारे पाथवे पयर्टकों के चलने के लिए बनाए गए, लेकिन कब्जा वेंडरों का है। कोई इडली रखकर बेचता है तो कोई कौचड़ी, यहीं नहीं कपड़ा, कंघी, आईना से लेकर खिलौना तक बेचा जाता है। पाथवे के किनारे बने बोलार्ड की हालत और खराब है। बोलार्ड पर कोई चुनरी टांगकर बेचता है तो कोई पैजामा और कुर्ता। यह सिनेरियों घाट तक देखने को मिलता है। वेंडरों का इस तरह कब्जा रहता है कि इनसे दुकानदार भी परेशान रहते हैं.

वेंडिंग जोन में एक-दो दुकानें

शहर में बने अधिकतर वेंडिंग जोन में दुकानें खाली हैं। एक दो दुकानों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर में नारियल पानी, फल की दुकानें देखने को मिलती हैं। कपड़ा बेचने के लिए कई वेंडरों ने एलाट कराया, लेकिन कपड़ा बेचने वे सीधे गोदौलिया चले जाते हैं। सुबह होती नहीं है कि गोदौलिया पर वेंडरों का कब्जा हो जाता है। रात में सभी व्यापरिक प्रतिष्ठान बंद हो जाते हैं इसके बाद भी सड़क पर दुकानें लगी रहती हैं।

नहीं जाते वेंडिंग जोन

नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि गोदौलिया क्षेत्र में कई बार अभियान चलाकर वेंडरों को हटाया गया। उनसे बार-बार कहा गया कि वे वेंडिंग जोन में जाकर दुकानें लगाएं, लेकिन वे जाते ही नहीं हैं। अभियान के दौरान पटरी छोड़कर भाग जाएंगे। अभियान जैसे ही समाप्त होता है फिर से दुकानें लगा लेते हैं। इनसे वहां के व्यापारी भी परेशान हैं। एक दो नहीं दर्जनों शिकायत है।

वेंडरों के लिए ही वेंडिंग जोन बनाया गया है। वेंडिंग जोन में सिर्फ नारियल पानी और फल की दुकानें दिखती हैं। जबकि अन्य सामानों की भी दुकानें लगाने के लिए वेंडरों को एलॉट किया गया है।

शिपू गिरी, नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive