तीन पंपों से निकाला गया टंकी का पानी फिर सील किया गया अंजुमन इंतेजामिया ने मछलियों को दूसरी मस्जिद के हौज में डाला मंदिर और मस्जिद पक्ष के लोगों की उपस्थिति में सफाई की गई


वाराणसी (ब्यूरो)सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर स्थित पानी की टंकी (वुजूखाना) की डेढ़ साल बाद शनिवार को जिलाधिकारी एस राजङ्क्षलगम, मंदिर और मस्जिद पक्ष के लोगों की उपस्थिति में सफाई की गई। पानी की टंकी से 38 मछलियां जीवित मिलीं जबकि 17 मरी हुई थीं। जीवित मछलियां अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद को सौंप दी गईं जिन्हें शहर की एक मस्जिद के हौज में डाल दिया गया है। ज्ञानवापी में एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान शिवङ्क्षलग मिलने के मंदिर पक्ष के दावे के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पानी की टंकी को 16 मई 2022 को सील कर दिया गया था। शनिवार को जिलाधिकारी ने बताया कि पानी की टंकी के पानी को तीन पंपों से निकाला गया। सुबह नौ बजे से शुरू हुआ पानी टंकी की सफाई का काम दोपहर लगभग 12:30 बजे खत्म हो गया। इसके बाद पानी टंकी क्षेत्र को ताला लगाकर फिर सीलबंद कर दिया गया.

खरीदकर रखी गई थी मछली

अंजुमन इंतेजामिया के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने बताया कि मछलियों के लिए चारा आदि का इंतजाम किया जाता रहा है। बेहद सुंदर इन मछलियों को वाराणसी के ही मछली कारोबारियों से खरीदकर यहां रखा गया था। पानी टंकी की सफाई के दौरान मछलियों को तीन टबों में निकाला गया और शहर की एक मस्जिद में ले जाकर उसके हौज में डाल दिया गया। किसी विवाद से बचने के लिए मस्जिद का नाम उजागर नहीं किया जा रहा। मस्जिद के हौज में मछलियों को इसलिए डाला जाता है ताकि वुजू के दौरान होने वाली गंदगी की सफाई हो सके। सील होने से पहले ज्ञानवापी की पानी टंकी का पानी हर महीने निकालकर सफाई की जाती थी। सील होने के बाद उसकी सफाई नहीं की जा सकी थी। पानी बेहद गंदा हो जाने के कारण कुछ मछलियां मर गईं।

अग्निशमन के 20, नगर निगम के 13 कर्मियों को लगाया गया

जिलाधिकारी के आदेश पर 25 गुणे 25 फीट लंबाई-चौड़ाई वाले पानी टंकी की सफाई के लिए अग्निशमन विभाग के 20 व नगर निगम के 13 कर्मचारी आए थे। मुख्य अग्निशमन अधिकारी आनंद ङ्क्षसह राजपूत के नेतृत्व में डेढ़ घंटे में पानी निकाला गया। इस दौरान सभी तेज दुर्गंध से परेशान रहे। इसके बाद नगर निगम के कर्मचारियों ने दो से ढाई घंटे में टंकी की सफाई की। काई आदि साफ करने के बाद ब्लीङ्क्षचग पाउडर छिड़का। उस हिस्से की भी सफाई की गई, जहां मंदिर पक्ष शिवङ्क्षलग मिलने का दावा करता है। टंकी में पानी वाले पाइप को भी बंद कर दिया गया। वन विभाग और मस्त्य विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे.

सफाई के दौरान भी हुआ शिवङ्क्षलग-फव्वारा विवाद

पानी टंकी की सफाई के दौरान कुछ देर के लिए शिवङ्क्षलग व फव्वारा विवाद भी उभरा। मंदिर पक्ष के वकील शिवङ्क्षलग के सामने हाथ जोड़कर खड़े थे। यह देखकर मस्जिद पक्ष ने आपत्ति की। इस पर दोनों पक्षों के बीच थोड़ी तल्खी बहस हो गई, लेकिन वहां मौजूद अधिकारियों ने मामले को संभाल लिया। मंदिर पक्ष की वादी महिलाएं बाहर ही रहीं। प्रशासन की ओर से पूरी प्रक्रिया की फोटोग्रापी व वीडियोग्राफी भी कराई गई.

Posted By: Inextlive