ऑटोमेटेड टैलर मशीन एटीएम का अब मल्टीपरपज यूज होने लगा है। पहले सिर्फ एटीएम का इस्तेमाल केवल पैसे निकालने के लिए किया जाता था लेकिन अब यह मशीन कई काम कर रही है। एकाउंट ओपनिंग से लेकर एक-दूसरे बैंक में ट्रांजेक्शन पासबुक एंट्री डिपोजिट मोबाइल बैंकिंग केवाईसी न्यू और एक्सपाइरी एटीएम इश्यू चेकबुक ऑर्डर करने समेत कई काम हो रहे हैं। इसके चलते बैंकों के अंदर की भीड़ कम हो गई है।

देहरादून (ब्यूरो) दून में तकरीबन सभी बैंकों के 500 के करीब एटीएम लगे हैं। हर 200 मीटर पर मेन रोड और गलियों में एटीएम लगे हुए हैं। सबसे ज्यादा एटीएम मशीनें एसबीआई और पीएनबी बैंक के हैं। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के चलते कस्टमर्स अब एटीएम में कैश निकालने में कम आते हैं, लेकिन कैश डिपोजिट करने समेत कई कार्यों के लिए एटीएम पर निर्भरता ज्यादा बढ़ गई है।

ऑनलाइन एप ने डाला असर
आज पेटीएम, गूगल पे, फोन पे समेत कई ऑनलाइन एप हैं, जिसके जरिए लोग अपने मोबाइल से ही घर बैठे एक रुपए से लेकर लाख रुपए तक कहीं भी ट्रांजेक्शन कर रहे हैं। सब्जी से लेकर खाने और कपड़ों आदि की खरीद भी ऑनलाइन एप माध्यम से भुगतान किए जा रहे हैं। मोबाइल बैंकिंग आज हर व्यक्ति की दिनचर्या से जुड़ गया है।

नहीं लगती ट्रांजेक्शन की भीड़
पहले एटीएम से पैसे निकालने के लिए लंबी कतारें लगती थी। लेकिन जब से ऑनलाइन एप आए हैं, तब से यह लाइन खत्म हो गई है। अब लोग मोबाइल एप का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। पैसा निकालने के बजाय अब एटीएम मशीनों का काम दूसरे कार्यों के लिए किया जा रहा है।

बैंकों का हो रहा लॉस
एटीएम कार्ड का कम इस्तेमाल से बैंकों को लॉस भी हो रहा है। पहले 5 ट्रांजेक्शन सेम बैंक में फ्री हुआ करती थी, इसके बाद 25 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन बैंक की ओर से चार्ज किया जाता था। इसके अलावा इस पर जीएसटी भी लिया जाता था। एटीएम ट्रांजेक्शन कम होने से बैंकों की आय थोड़ा कम हुई है, लेकिन बैंक अधिकारियों का कहना है कि एटीएम में दूसरी सुविधाएं बढ़ गई है।

50 के लगभग एटीएम बंद
कम इस्तेमाल के चलते 50 से अधिक एटीएम बंद हो गए हैं। जानकारों का कहना है कि ये एटीएम छोटे बैंकों के हैं। या फिर उन बैंकों के हैं, जो दूसरे बैंकों में मर्ज हुए हैं। बताया कि घंटाघर, सहारनपुर चौक, प्रिंस चौक, राजपुर रोड, सर्वे चौक जैसे भीड़-भाड़ वाले इलाके में आज भी एटीएम काफी इस्तेमाल हो रहे हैं।

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Posted By: Inextlive