आखिरकार वल्र्डफेम चारधाम यात्रा 2024 का आगाज हो गया है. देश-दुनिया के श्रद्धालुओं के भारी उत्साह के बीच फ्राइडे को यमुनोत्री गंगोत्री व केदारनाथ धाम के कपाट दर्शनों के लिए खोल दिए गए है.

देहरादून,(ब्यूरो): आखिरकार वल्र्डफेम चारधाम यात्रा 2024 का आगाज हो गया है। देश-दुनिया के श्रद्धालुओं के भारी उत्साह के बीच फ्राइडे को यमुनोत्री, गंगोत्री व केदारनाथ धाम के कपाट दर्शनों के लिए खोल दिए गए है। इसी के साथ शुरू हो गई हिमालय की चारधाम यात्रा। अब 12 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुल रहे हैं। कपाट खुलने पर तीनों धाम में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर हुई। केदारनाथ में सीएम पुष्कर ङ्क्षसह धामी पूजा के यजमान थे। तीनों धाम में 21 हजार से अधिक तीर्थयात्री कपाटोद्घाटन के साक्षी बने। उधर, पंचकेदार में तृतीय भगवान तुंगनाथ भी निज धाम में विराजमान हो गए।

चारधाम यात्रा की शुरुआत सबसे पहले सुबह 7 बजे रुद्रप्रयाग जिले में स्थित 11वें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ हुई। इससे पहले रावल भीमाशंकर ङ्क्षलग, धर्माचार्य व पुजारियों ने केदारपुरी के रक्षक बाबा भैरवनाथ व बाबा केदार का आह्वान किया। कपाट खुलने के मौके पर केदारपुरी में करीब 10 हजार से ज्यादा श्रद्धालु इस खास पल के गवाह बने। वहीं, उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुनोत्री धाम के कपाट सुबह 10.29 मिनट पर खुले। वहां दर्शनों के लिए करीब 6 हजार यात्री देश-दुनिया से पहुंचेे थे। इससे पहले देवी यमुना की उत्सव डोली उनके शीतकालीन प्रवास खरसाली से शनिदेव की अगुआई में सुबह 10 बजे यमुनोत्री धाम पहुंची। जबकि, मां गंगा की उत्सव डोली भैरवघाटी से सुबह 9.30 बजे गंगोत्री धाम पहुंची। इसके बाद दोपहर 12:25 बजे धाम के कपाट खोले गए। इस दौरान 5 हजार से ज्यादा यात्री मौजूद रहे।

यात्रा पर आ रहे तो गर्म कपड़े साथ में लाएं
आप चारधाम दर्शन को आ रहे हैं तो मौसम को देखते हुए अपने साथ गर्म कपड़े, छतरी व रेनकोट लाना न भूलें। कारण, धामों में कभी भी मौसम करवट बदल रहा है। वहीं, कोई दवा लेते हैं तो उसका भी पर्याप्त स्टाक पास में होना जरूरी है। उत्तराखंड सरकार पहले ही अपील कर चुकी है कि फिजिकल अनफिट होने पर यात्रा से परहेज करें। हाई अल्टीट्यूड में धाम होने के कारण विशेषकर यमुनोत्री व केदारनाथ में आक्सीजन की कमी रहती है। ऐसे में यात्रा रूट्स पर मौजूद तमाम पड़ावों पर विश्राम करते हुए ही अपनी यात्रा पूरी करें।


शंकराचार्य की गद्दी व तेल कलश यात्रा पहुंची पांडुकेश्वर
जोशीमठ नृङ्क्षसह मंदिर में वैदिक पूजा-अर्चना के बाद आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी बदरीनाथ के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी की अगुवाई में बदरीनाथ के लिए रवाना हुई। वहीं, गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा भी बदरीनाथ धाम के लिए रवाना हुई। रात्रि विश्राम के लिए शंकराचार्य की गद्दी व तेल कलश यात्रा योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर में करेगी।


पहली बार होमगार्ड के मस्कबाजे
बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को सुबह 6 बजे श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खुलेंगे। बदरी-केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) की ओर से कपाट खुलने की तैयारियां जारी हैं। इस बार कपाट खुलने के मौके पर पहली बार सेना के बैंड की धुनों के साथ ही उत्तराखंड होमगार्ड के मस्कबाजे की धुन भी श्रद्धालुओं को सुनाई देगी। टीम की ओर से कपाट खुलने के साथ ही 12 से 14 मई तक धाम में मस्कबाज की प्रस्तुति दी जाएगी।

यात्रा के लिए अब तक हुए रजिस्ट्रेशन
-कुल रजिस्ट्रेशन --2357393
-वेब पोर्टल से --1780878
-मोबाइल एप से --320574
-वाट्सएप से --213327
-ऋषिकेश से --28801
-हरिद्वार से --13813

dehradun@inext.co.in

Posted By: Inextlive