एक और साल गुजरने वाला है। इस वर्ष कोविड के बाद जो मुद्दा सबसे ज्यादा चर्चा में आया वह है क्लीननेस क्लाइमेट चेंज और एनवायरमेंट। केन्द्र सरकार की ओर से इन मसलों को लेकर कुछ सर्वेक्षण भी किये गये और विभिन्न कार्यों को मूल्यांकन करके देशभर के शहरों को रैंकिंग भी दी गई लेकिन देहरादून का प्रदर्शन ज्यादातर मामलों में बहुत संतोषजनक नहीं रहा। स्वच्छ सर्वेक्षण हो सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल हों ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स हो सफाई मित्र सुरक्षा रैंकिंग हो या फिर क्लाइमेट स्मार्ट सिटीज असेसमेंट फ्रेमवर्क कहीं भी देहरादून का प्रदर्शन उत्साहवर्द्धक दर्ज नहीं किया गया।

देहरादून (ब्यूरो)। स्वच्छ सर्वेक्षण में देहरादून 1 से 10 लाख पॉपुलेशन वाली सिटी में देशभर में 82वें स्थान पर रहा है। इस कैटेगिरी में देशभर के 369 शहर शामिल थे। हालांकि पिछले वर्षों के मुकाबले दून की स्थिति इस बार कुछ बेहतर रही, लेकिन अपनी अबोहवा और प्रकृति का लाभ उठाते हुए देहरादून इससे काफी आगे पहुंच सकता था। पहले से बेहतर रैंकिंग के बावजूद धरातल पर स्थिति बहुत बेहतर नहीं है। स्वच्छता की पहली शर्त सूखा और गीला कचरा अलग रखने के नियम को भी दून में अभी फॉलो नहीं किया जा रहा है। डोर टू डोर गार्बेज कलेक्ट करने के लिए बहुत कम साधन उपलब्ध हैं।

ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में भी पीछे
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की ओर से जारी ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में भी दून काफी पीछे खड़ा है। इस इंडेक्स में देहरादून को 10 लाख से कम पॉपुलेशन वाली सिटीज में शामिल किया गया था। इस कैटेगिरी में देशभर के कुल 62 शहर शामिल थे और दून को 29वीं रैंक मिली। पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला इस रैंकिंग में पहले स्थान पर रही। इसी तरह म्यूनिसिपल परफॉर्मेंस इंडेक्स में शामिल 10 लाख से कम आबादी वाले 60 शहरों में दून को 47वां स्थान मिला। यानी इस रैंकिंग में शामिल प्लानिंग, फाइनेंस, गवर्नेंस, सर्विस और टेक्नोलॉजी में दून की स्थिति देशभर के शहरों में काफी खराब रही।

क्लाइमेट असेसमेंट में टू स्टार
क्लाइमेंट चेंज के प्रभावों से निपटने के लिए शहरों द्वारा किये जा रहे कार्यों का मूल्यांकन करने के लिए आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने इस वर्ष क्लाइमेट स्मार्ट सिटीज असेसमेंट फ्रेमवर्क रैंकिंग जारी की थी। इस रैंकिंग में देशभर की 100 स्मार्ट सिटीज सहित कुल 126 सिटीज का शामिल किया गया था। इस असेसमेंट के तहत ग्रीनरी, बायोडायवर्सिटी, वाटर मैनेजमेंट, वेस्ट मैनेजमेंट सहित विभिन्न इंडीकेटर्स के आधार में शहरों को वन स्टार से 5 स्टार रैंकिंग दी जानी थी। इस असेसमेंट में भी दून का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा। दून को टू स्टार रैंकिंग से ही संतोष करना पड़ा।

गार्बेज फ्री होना कठिन
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की और से जारी की गई सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज और गार्बेज फ्री सिटी रेटिंग में भी दून की स्थिति खराब रही। सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज में 3 से 10 लाख की पॉपुलेशन वाले देशभर के 52 शहर शामिल किये गये थे, इनमें उत्तराखंड 52वें स्थान पर रहा। इसी तरह गार्बेज फ्री सिटी रैंकिंग में देहरादून में वन स्टार रैंकिंग ही मिल पाई।

एसडीजी अर्बन में भी पीछे
सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स एचीव करने के मामले में भी दून की स्थिति काफी खराब है। नीति आयोग की ओर से जारी एसडीजी अर्बन इंडेक्स में दून का प्रदर्शन एवरेज से नीचे रहा। इस इंडेक्स में देशभर के 56 शहर शामिल किये गये थे। देहरादून को 63.71 परसेंट मार्क्स के साथ 35वां स्थान मिला। जबकि दून जैसी परिस्थितियों वाले शिमला को 75.50 अंक के साथ पहला स्थान मिला।

Posted By: Inextlive