'Historical moments for Doon'
ये पल दून के लिए खास थे, क्योंकि इस दिन शहर का नक्शा बदल रहा था, मकानों को प्रशासन के बुलडोजर ताश की तरह ढाह रहे थे। चकराता रोड की करीब 50 साल पुरानी बिल्डिंग्स महज चंद मिनटों में ही मलबे के ढेर में तब्दील हो गईं। ये ऐतिहासिक अभियान शाम तक जारी रहा। इस अभियान की भेंट चढ़ रही दुकानों को टूटता देख कइयों की आंखे तक भर आईं, क्योंकि यहां एक इतिहास टूट रहा था तो एक बन रहा था। सालों पुरानी है ये problem चकराता रोड की बॉटल नेक प्रॉब्लम आज की नहीं, ये सालों पुरानी है। इसी बाबत तत्कालीन यूपी सरकार में देहरादून के डीएम ने भी 1995 में चकराता रोड चौड़ीकरण का अभियान चलाया था। राज्य गठन के बाद तो दिन-ब-दिन चकराता रोड़ संकरी होती गई, लेकिन सुबह आठ बजे से ही चार डोजर्स इस सालों पुरानी समस्या को हल करने में जुट गए.
पल-पल पर नजर रखते रहे सीएम
दिनभर चले इस अभियान में न केवल डिस्ट्रिक्ट के आलाधिकारी व पुलिस फोर्स मौके पर मुस्दैत रही, बल्कि सीएम ने भी पल-पल इस घटना पर नजर रख्री। शाम को सीएम ने भी स्पॉट पर जाकर मौका-मुआयना किया। सीएम के पहुंचने पर एकाध प्रभावितों ने अपना शांतिपूर्ण विरोध भी जताया। मेयर विनोद चमोली, प्रमुख सचिव आवास पीसी शर्मा, डीएम दिलीप जावलकर, एसएसपी जीएन गोस्वामी, वीसी एमडीडीए, एडीएम विनोद सुमन सहित कई अधिकारियों मौके पर मौजदू थे