इस बार जंगलों में रिकॉर्ड आग लगी। वन विभाग की सालभर से की गई तैयारियां धरी की धरी रह गई। एक के बाद एक एक हजार से अधिक जगहों पर आग लगी लेकिन वन विभाग आग को बुझाने में नाकाम रहा। आग लगातार फैलती गई। इसके लिए सेना की भी मदद ली गई। लेकिन आखिर में बारिश ने आग पर काबू पाया। बीते रोज हुई बारिश ने जंगलों की आग को ठंडा किया। यही वजह है। हालांकि जिन क्षेत्रों में बारिश नहीं हुई वहां पर जंगल अभी भी धधक रहे हैं। रोजाना आगजनी की 50 से अधिक घटनाएं सामने आ रही थी लेकिन पिछले 24 घंटे में दून समेत पूरे प्रदेश में एक भी जगह आग नहीं लगी।

देहरादून (ब्यूरो) दून से लेकर पूरे प्रदेश में 1063 हेक्टेयर वन क्षेत्र आग की चपेट में आया है। आग की लपटों से करोड़ों रुपए की संपत्ति के साथ ही हरियाली गायब हुई है। सबसे ज्यादा आग चीड़ के जंगलों में लगी है। दून में मसूरी वन प्रभाग के तहत 11 जगहों पर आग लगी हुई है। गढ़वाल से ज्यादा कुमाऊं के जंगलों में आग भड़की हुई है। कुमाऊं में 574 जगहों पर और गढ़वाल में 400 जगहों पर आग ने जंगलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। इसके साथ ही 89 वाइल्ड लाइफ एरिया भी आग की चपेट में आए हैं। पिछले 24 घंटे में आगजनी की एक भी घटना सामने नहीं आई है।

419 मुकदमे किए दर्ज
बीती रात्रि को पहाड़ी क्षेत्रों में हुई बारिश ने जंगलों की धधकती आग को शांत करने का काम किया है। केवल जंगल की आग ही नहीं, बारिश से दून में लोगों को गर्मी से भी राहत मिली है। वन विभाग की ओर से जंगल में आग लगाने वालों की गिरफ्तारी और मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई भी जारी है। आग लगाने के आरोप में अब तक वन अधिनियम के तहत 419 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इसमें से 357 अज्ञात और 80 लोग नामजद हैं।

62 आरोपी किए गिरफ्तार
वन विभाग ने अब तक जंगल में आग लगाने पर वन अपराध के तहत कुल 315 मुकदमे दर्ज किए हैं। आगजनी के आरोप में कुल 62 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, फायर सीजन में अब तक कुल 1063 घटनाओं में 1437.98 हेक्टेयर वन क्षेत्र जल कर राख हुा है। आग बुझाने के दौरान अब तक 5 लोगों की मौत हुई है।


इन नंबरों पर दें आगजनी की सूचना
18001804141, 01352744558
जंगल में आग लगने पर इन नंबरों पर दे तत्काल सूचना

9389337488, 7668304788
व्हाट््सएप के माध्यम से भी दे सकते हैं सूचना

9557444486
राज्य आपदा कंट्रोल रूम देहरादून भी कर सकते हैं सूचित

अल्मोड़ा में ज्यादा धधकी आग
आग बुझाने को लेकर वन विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। सेना के साथ ही हेली सेवा का भी सहयोग लिया जा रहा है। बावजूद इसके जंगलों के झुलसने का सिलसिला जारी है। सेना के सहयोग से लगातार आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहा है। टिहरी बांध प्रथम वन प्रभाग, नैनीताल वन प्रभाग, भूमि संरक्षण रानीखेत वन प्रभाग, अल्मोड़ा वन प्रभाग, सिविल सोयम अल्मोड़ा वन प्रभाग, तराई पूर्वी वन प्रभाग, रामनगर वन प्रभाग, मसूरी वन प्रभाग, लैंसडौन भूमि संरक्षण वन प्रभाग, सिविल सोयम पौड़ी वन प्रभाग, केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग आदि में जंगल धधक रहे हैं।

सीएम ने दिखाई सख्ती
फॉरेस्ट फायर की घटनाओं को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने काफी गंभीरता से लिया है। उन्होंने अफसरों को इस पर प्रभावी रोके के लिए ग्रामीणों से तालमेल के निर्देश दिए। उन्होंने हर साल कम से कम वनों में आग लगे इसके लिए ठोस प्लान के साथ ही विदेशों में विकसित मॉडल को अध्ययन करने के निर्देश दिए। उन वन विभाग को अपने ढांचे को निचले स्तर से सुदृढ़ कर बेहतर तरीके से कार्यों का क्रियान्वयन के निर्देश भी दिए।

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Posted By: Inextlive