देहरादून (ब्यूरो) दून में 92 फायर हाइड्रेंट की डिमांड है, लेकिन फायर स्टेशन का अपना एक भी हाइड्रेंड नहीं है। आग बुझाने के लिए फायर सर्विस जल संस्थान, सिंचाई विभाग और अन्य विभागों के हाइड्रेंट को वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में चला रहा है। फायर ऑफिसर सुरेश चंद्रा ने बताया कि जल संस्थान के 10-12 हाइड्रेंट को यूज किए जा रहे हंै। विभाग के पास 8 मोटर फायर इंजन मौजूद है, जो गलियों में 700 मीटर अंदर तक आग बुझाने में समर्थ है। इसके अलावा 3 मोटरसाइकिल हैं।

2023 में हुई थी 642 घटनाएं
नजर डाले तो 2023 में दून समेत आस-पास के इलाकों में आगजनी की 642 घटनाएं हुई थी, जिसमें 17,29,37,600 कीमत की संपत्ति को क्षति पहुंची थी। फायर सर्विस ने त्वरित मोर्चा संभालते हुए 46,44,15,227 संपत्ति को बचाने में सफल रहा। इससे पहले 2022 में 414 घटनाएं सामने आई थी, जिसमें 108 फायर की घटनाएं शामिल थी।

अलर्ट मोड में फायर स्टेशन
इस बार आगजनी की घटनाओं को कंट्रोल करने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई गई है। जल्द से जल्द एक्सीडेंट प्वाइंट पर पहुंचने की कोशिश जा रही है, ताकि कम से कम नुकसान हो। इसके लिए फायर अफसरों और कार्मिकों की छुट्टियां कैंसिल कर दी गई है। फायर स्टेशन अलर्ट मोड पर रखे गए हैैं।

रेस्क्यू टाइमिंग फास्ट
व्यवस्थाओं को परखने के लिए फायर स्टेशनों पर आकस्मिक छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है। छापेमारी के दौरान कमियों को दूर करने के निर्देश दिए जा रही हैं। इस दौरान लापरवाही पर कार्रवाई को भी चेताया जा रहा है। जानकारी मिलते ही रेस्क्यू टीम को निर्धारित समय सीमा के भीतर न पहुंचने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। नुकसान कम से कम हो, इसके लिए रेस्क्यू ऑपरेशन को फास्ट किया जा रहा है।

बगैर एनओसी नक्शा पास नहीं
आम तौर पर देखा जा रहा है कि कई कॉम्पलेक्स, बड़े भवनों और आवासीय फ्लैटों में आगजनी की घटनाओं के सामने के बाद फायर सिस्टम न लगे होने या फायर सिस्टम के काम न करने की बात सामने आई है। इस पर फायर ऑफिसर सुरेश चंद्रा का कहना है कि भवनों, कॉम्प्लेक्सों और आवासीय फ्लैटों के नक्शे फायर एनओसी के बाद ही पास किए जा रहे हैं। फायर इक्विपमेंट प्रॉपर न चलने पर निरीक्षण के दौरान कार्रवाई की जा रही है।

फायर सर्विस स्टेशन पर 67 कार्मिक मुस्तैदी से जुटे हुए हैं। फायर की घटनाएं भयावह होती है। इसलिए पब्लिक से अपील है कि वह आगजनी की भनक लगते ही तत्काल फायर सर्विस के नंबरों पर सूचना दे दें। साथ ही अपील है कि सायरन बजते ही अपने वाहनों को तत्काल साइड दे दें, जिससे स्पॉट पर जल्दी पहुंचा जा सके।
सुरेश चंद्रा, फायर ऑफिसर, दून

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