-ओएसआई की ओर से दून के आईआरडीई में चार दिवसीय 43वें इंटरनेशनल सम्मेलन शुरु

-दुनियाभर से साइंटिस्ट, रिसर्चर व इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स कर रहे शिरकत

देहरादून,

ऑप्टिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (ओएसआई) की ओर से दून के आईआरडीई (इंस्ट्रूमेंट्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंटट) में चार दिवसीय आईकॉल (इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन ऑप्टिक्स एंड ऑप्टोइलेक्ट्रानिक्सस) का 43वां आयोजन शुरू हुआ। जिसमें दुनियाभर के 100 इनवाइटीज व 400 स्पेशल गेस्ट अपने रिसर्च पेपर्स प्रस्तुत कर रहे हैं। इस इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में तमाम आईआईटी, यूनिवर्सिटीज के इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स भी शिरकत कर रहे हैं। आईकॉल 2019 का मुख्य उद्देश्य ऑप्टिक्स एंड इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स के व्यापक क्षेत्रों में रिसर्च, इंजीनियर्स, इंडस्ट्रीज व रिसर्चर के बीच शेयरिंग करना है। चार दिनों तक चलने वाले सम्मेलन में इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स में भारत के अलावा फॉरेन की 50 इंडस्ट्रीज अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगे।

देश को मिल रहे स्वदेशी सुरक्षा

इंटरनेशनल सम्मेलन का इनॉगरेशन करते हुए डीआरडीओ के पूर्व डीजी व एनआईटी कुरुक्षेत्र के डायरेक्टर डा। सतीश कुमार ने कहा कि डिफेंस साइंटिस्ट हमारे देश की सुरक्षा संबंधित रिसर्च पर जुटे हुए हैं। आईआरडीई ने पिछले कुछ वर्षो के दौरान ऑप्टिक्स व इलेक्ट्रोऑप्टिक्स के क्षेत्र में बेहतर रिजल्ट दिए हैं। यही वजह है कि आईआरडीई के कई प्रोडक्ट आ‌र्म्ड फोर्सेज यूज कर रही हैं। कहा, डीआरडीओ द्वारा डिटेक्टिव, रेंज फाइंडर लेजर, आईआर गाइडेंस, नेविगेशन कंम्यूटिंग, सिक्योरिटी यूज के लिए सुरक्षित टेक्नोलॉजीज डेवलेप की जा रही हैं। देश की निगरानी व विभिन्न हथियार प्रणालियों, लेजर सीकर्स, लेजर रेंज फाइंडर्स, सर्वो स्थैतिक प्लेटफार्मो को स्वदेशी तकनीक से विकसित करने में विदेशी मुद्रा को भी बचाया है। देश के रक्षा बलों के लिए स्वदेशी समाधान प्रदान किया है।

आ‌र्म्ड फोर्सेज को स्ट्रॉन्ग करना मकसद

आईआरडीई के डायरेक्टर व सीनियर साइंटिस्ट बेंजमिन लयनल ने कहा कि इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य आ‌र्म्ड फोर्सेज के लिए इलेक्ट्रो-ऑप्टिक डे-नाइट विजन के इंस्ट्रूमेंट्स को डेवलप करने के लिए टेक्नोलॉजी शेयरिंग है। इस दौरान आईआरडीई के पूर्व डायरेक्टर डा। एसके गुप्ता, डा। एसएस नेगी ने भी संबोधित किया। डा। नेगी ने बताया कि आईआरडीई के पूर्व डायरेक्टर डा। सीएस राव व कोलकत्ता यूनिवर्सिटी के प्रो। एमडे के नेतृत्व में प्योर एंड एप्लाइड ऑप्टो की सभी ब्रांचेज में ज्ञान बढ़ाने के लिए ऑप्टिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (ओएसआई)की स्थापना 1965 में की गई थी। इस मौके पर अमिताभ घोष, सुधीर खरे के अलवा रिसर्चर, डेवलेपर्स, एजुकेशनिस्ट व इंडस्ट्रियलिस्ट मौजूद रहे।

एग्जीबिशन में लेजर सीकर का अट्रैक्शन

कॉन्फ्रेंस के दौरान एग्जीबिशन का भी आयोजन किया गया। जिसमें आईआरडीई की ओर से तैयार किए गए प्रोडक्ट्स को प्रदर्शित किया गया। इनमें लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से बना लेजर सीकर ने सभी को अट्रैक्ट किया। साइंटिस्ट्स ने बताया कि मिसाइल में यूज होने वाला लेजर सीकर गाइडेड मॉनीसन एंटी टैंक के लिए यूज किया जाता है। ये सीकर करीब 5 किमी तक टारगेट करने की क्षमता रखता है।

Posted By: Inextlive