DEHRADUN : राज्य के पहाड़ी इलाकों में जलप्रलय आपदा और राजधानी दून में सब्जियों के दामों पर महंगाई का काला साया पड़ गया है. यह सब्जी की आपदा भी ऐसी कि आम लोगों के चूल्हे हिल जाएं और वे कुछ दिनों के लिए सब्जी खाना ही भूल जाएं. महंगी सब्जी की पीछे बेहतर बहाना चमोली रूद्रप्रयाग उत्तरकाशी व पिथौरागढ़ में आई त्रासदी का है लेकिन आपदा के नाम पर सब्जियों के जरिए आम लोगों पर ऐसी वसूली की जा रही है कि कुछ लोग तो महंगाई को राज्य गठन के 13 सालों के भीतर की सबसे बड़ी महंगाई करार दे रहे हैं. आई नेक्स्ट ने जब सरकार तक ये बात पहुंचाई तो खुद विजय बहुगुणा सरकार के होश उड़ गए. अब कृषि मंत्री ने जांच के आदेश दे दिए हैं.


80 रुपए पार कर गया टमाटर  16 जुलाई को प्रदेश में आई प्रदेश की सबसे बड़ी आपदा को लेकर अभी तक रेस्क्यू जारी है। जाने इस त्रासदी से उबर पाने में प्रदेश को कितने साल लग जाएं, लेकिन यहां तो राजधानी में रह रहे लोगों को दूसरी आपदा का सामना करना पड़ रहा है। आपदा के नाम पर राजधानी देहरादून में सब्जियों के दाम सातवें आसमान छू रहे हैं। सिर्फ टमाटर की बात करें तो टमाटर के दाम प्रति केजी 80 रुपए तक पहुंच गए हैं। ऐसे ही प्याज और आलू भी 30-40 रुपए प्रति केजी तक पहुंच चुका है। बाकी फ्रूट्स के दामों का तो कहना ही क्या। ऐसे ही दूसरे सब्जियों का भी यही हाल है। थोड़ा बहुत तो फर्क पड़ा है


ये सच है कि पहाड़ में आई आपदा का असर देहरादून पर भी पड़ा है। कई मूलभूत सामग्रियां इन प्रभावित जिलों से ही राजधानी तक सप्लाई होती थी, लेकिन अब इन इलाकों में खेती-बाड़ी, सड़क और घर तबाह हो गए हैं। जिसका असर राजधानी पर पड़ रहा है। देहरादून मंडी की मानें तो उत्तरकाशी, चमोली, रूद्रप्रयाग, पौड़ी व टिहरी जनपदों से देहरादून तक इस सीजन में टमाटर, आलू, प्याज के अलावा दूसरी सब्जियों की सप्लाई हुआ करती थी, लेकिन आपदा के कारण ये सब ठप हो गया है। पहाड़ों में कई हेक्टेअर लैंड तबाह हो गया। न टमाटर, आलू, प्याज बचे और न ही सब्जी उपजाऊ जमीन। इसीलिए सब्जियों के दामों में उछाल देखने को मिल रहा है। घनसाली, नौगांव, नैनबाग, हर्षिल, रूद्रप्रयाग, चमोली जैसे इलाकों से टमाटर, आलू, लोकल सेब की सप्लाई हुआ करती थी। 6000 से 1200 कुंतल पर आया

राजधानी देहरादून में औसतन हर रोज करीब छह हजार कुंतल सब्जी की खपत होती है। लेकिन आपदा के कारण यह सप्लाई 1200 कुंतल पर आ गई है। हालांकि अब राजधानी में दूसरे राज्यों यूपी, हरियाणा व दिल्ली से सब्जियों की पूर्ति की जा रही है, जिसके ढुलान में फर्क दिख रहा है। लेकिन मंडी सचिव वीपी थपलियाल की मानें तो पहाड़ के कुछ जिलों में आई त्रासदी और दूसरे राज्यों से सब्जी की सप्लाई के कारण सब्जियां इतनी महंगी भी नहीं कि लोग सब्जी खाना ही छोड़ दें। वे कहते हैं कि यकीनन थोक में 15-20 परसेंट की बढ़ोत्तरी देखी जा रही है, लेकिन सब्जियों के दामों में दोगुने रेट हो जाना, ये समझ से परे हैं। बताया गया कि फुटकर में न तो सरकार का और न ही मंडी का कोई कंट्रोल है। जिसके कारण फुटकर विक्रेता आपदा के नाम पर मुंह मांगे दाम वसूल रहे होंगे। बाक्स लगाएंथैंक्स आई नेक्स्ट  मंडी सचिव कहते हैं कि ओपन काउंटर खोलने के साथ आम लोगों को राहत देने की कोशिश की जाएगी। इसके लिए व्यापारियों से बातचीत की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ जब आईनेक्स्ट ने कृषि मंत्री से दूर में सब्जियों के दामों, खासकर टमाटर के दामों पर आसमान छूते दाम की जानकारी दी तो वे भौंचक्के रह गए। उन्होंने कहा कि उनके पास खुद ये मिनिस्ट्री है। वे इसकी जांच करवा रहे हैं, दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा। उन्होंने कहा कि आपने हम तक ये बात पहुंचाई, इस पर यकीनन सीरियसली जांच करवाई जा रही है। आपदा के नाम पर बेवजह मुंह मांगे दाम वसूले जाने, नियम विरूद्ध है। ::खुलेगा रिटेल काउंटर::राजधानी में मंडी ने आपदा के कारण सब्जियों के दामों में लगी आग पर अब मंडी में ही ओपन काउंटर खुलने पर मंजूरी दे दी है। खुद मंडी सचिव ने इस बावत बताया है कि एकाध दिनों में टमाटर, आलू और बाकी सब्जियों के ओपन काउंटर खोले जाएंगे। इस बार व्यापारियों से बात की जा रही है, जिससे फुटकर विक्रेताओं की लूट पर काबू पाया जा सके और आम लोगों को इससे छुटकारा मिल सके।

::वर्जन::

देखिए, ये सच है कि आपदा के कारण पहाड़ों से आने वाली सप्लाई बंद हो गई है। जिसके कारण थोड़ा बहुत सब्जियों के दामों में फर्क देखा जा सकता है। लेकिन अगर दोगुने-तीन गुने दाम हो गए हैं, तो ये गलत है। इस पर चेकिंग अभियान शुरू होगा, कंट्रोल किए जाने की कोशिश की जाएगी। -डा। हरक सिंह रावत, कृषि मंत्री, उत्तराखंड

Posted By: Inextlive