चारधाम यात्रा की तैयारियों के तहत की मॉक ड्रिल में दून हॉस्पिटल की व्यवस्था परखी गई। मॉक ड्रिल की जानकारी पहले से थी इसलिए न कर्मचारी सजग दिखे और न ही उस तरह की तत्परता दिखी। कहीं-कहीं को-ऑर्डिनेशन की कमी भी खली।

देहरादून (ब्यूरो) चारधाम यात्रा के दौरान किसी आपदा से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए गुरुवार को चारधाम यात्रा से जुड़े जिलों में मॉक ड्रिल के जरिए तैयारियों को परखा गया। दून में भी मॉक ड्रिल आयोजित की गई। जिसके तहत राजपुर रोड स्थित जीजीआईसी में भूकंप, पुरुकुल मार्ग पर भूस्खल की मॉक ड्रिल की गई। यहां से घायलों को दून हॉस्पिटल भेजा गया। इसके अलावा दून हॉस्पिटल में भी आग लगने पर मरीज रेस्क्यू किए गए। लेकिन इस दौरान चीजें व्यवस्थित नहीं दिखी। ऐसा लगा कि मॉक ड्रिल के नाम पर बस खानापूर्ति की जा रही है। हॉस्पिटल का अपने स्तर पर पूर्वाभ्यास इसे लेकर नहीं दिखा।

मरीज भी रहे परेशान
दून हॉस्पिटल में मॉक ड्रिल के दौरान सामान्य मरीज परेशान रहे। ड्रिल इमरजेंसी ब्लॉक में की गई। आमतौर पर इमरजेंसी में मरीजों की अत्याधिक भीड़ रहती है। मगर मॉक ड्रिल के चलते गंभीर मरीजों को ही इमरजेंसी में आने की इजाजत दी गई। जबकि अन्य मरीजों को ओपीडी में भेज दिया गया। जिस कारण मरीज परेशान रहे।

हर तीन माह में करें मॉक ड्रिल
सचिव आपदा प्रबंधन डॉ। रंजीत कुमार सिन्हा व एनडीएमए के वरिष्ठ सलाहकार मेजर जनरल सुधीर बहल ने राजपुर रोड स्थित जीजीआइसी में भूकंप की माक ड्रिल का निरीक्षण कर स्कूल प्रबंधन और राहत एवं बचाव टीमों को जरूरी निर्देश दिए। मेजर जनरल सुधीर बहल ने स्कूल प्रधानाचार्य से भूकंप के समय च्च्चों की सुरक्षित निकासी के प्लान को लेकर जानकारी ली। उन्होंने स्कूल में प्रत्येक तीन माह में इस तरह की माक ड्रिल अपने स्तर पर कराने को कहा। उन्होंने च्च्चों को खासतौर पर एनसीसी कैडेट््स को फस्र्ट एड की ट्रेङ्क्षनग देने को कहा। मेजर जनरल सुधीर बहल ने स्कूली छात्राओं को आपदा प्रबंधन की ²ष्टि से अलग-अलग जिम्मेदारियां देने को कहा, ताकि आपदा के समय स्वयं मदद को आगे आ सकें। इसके बाद उन्होंने पुलिस लाइन स्थित स्टेङ्क्षजग सेंटर में विभिन्न विभागों के स्तर पर की जा रही तैयारियों का जायजा लिया और जरूरी निर्देश दिए।

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Posted By: Inextlive