One way creates many problems
One way कर रहा परेशानकनक चौक से आगे बढ़ते ही पुलिस द्वारा लगाया गया वन वे का बोर्ड नजर आने लगता है। यहां से लेकर सचिवालय चौक तक रूट वन वे है। यानी केवल इन कमिंग, वापस जाने के लिए के लिए अन्य रास्ते का इस्तेमाल करना होगा। अहम बात यह है कि इस रूट पर कभी भी जाम नहीं लगता था, केवल एक स्कूल की छुïट्टी के समय वाहनों की रफ्तार जरूर कुछ देर के लिए थम जाती थी। ऐसे में क्या सोच कर इसे वन वे बनाया गया ये किसी की समझ में नहीं आ रहा। सचिवालय से घंटाघर जाने के लिए ये रास्ता सबसे आसान माना जाता है, लेकिन अब यही दूरी तय करने के लिए पहले सर्वे चौक फिर तिब्बती मार्केट, दर्शनलाल चौक और फिर घंटाघर। यानी कुछ पल की दूरी के लिए ज्यादा समय और पेट्रोल खर्च।किसके लिए बनाया गया
कैपिटल पुलिस द्वारा की गई इस व्यवस्था से यहां दिन के समय भी सन्नाटा पसरा रहता है। स्थानीय लोगों की मानें तो पुलिस ने ऐसा केवल इस रूट पर पडऩे वाले एक फेमस स्कूल को लाभ पहुंचाने के इरादे से किया। इसका आम जनता से कोई लेना देना नहीं है। इस रोड पर दुकान चलाने वाले एक शख्स ने बताया कि इससे उसकी दुकानदारी पर गहरा असर पड़ रहा है। पहले वह दिन में अच्छी कमाई कर लेता था, लेकिन वन वे व्यवस्था से उसके काम में काफी गिरावट आ गई है। पचास साल से इस रूट पर चाय-पान का खोखा लगाने वाली महिला पुलिस द्वारा किए गए वन वे को लेकर बेहद खफा दिखीं। उसने कहा कोई काम नहीं तो एक तरफ से रास्ता ही बंद कर दिया। सचिवालय और पुलिस मुख्यालय आने वाले लोग उसके परिवार का पेट पालने का जरिया थे।