स्टेट हेल्थ सिस्टम को खुद चाहिए 'डेवलपमेंट'
DEHRADUNÑ प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए विश्व बैंक पोषित करीब 797 करोड़ की हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट प्रोग्राम योजना मंजूरी के बाद भी धरातल पर नहीं उतर पा रही। प्रदेश में इस महत्वपूर्ण योजना के संचालन के लिए परियोजना क्रियान्वयन टीम का गठन तो कर दिया गया, मगर इस टीम का संगठनात्मक ढांचा अब तक तैयार नहीं हो पाया है। नतीजा यह कि यह योजना अभी तक कागजों से बाहर नहीं निकल पा रही है।
स्टेट बनने से पहले लागू हुआ प्रोग्रामअविभाजित उत्तर प्रदेश के समय लागू की गई हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट प्रोग्राम (एचएसडीपी) योजना के प्रथम चरण के तहत उत्तराखंड में 8भ् करोड़ रुपये की लागत से स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाया गया। योजना का प्रथम चरण ख्009 में पूर्ण हो चुका है। अब इस योजना के संचालन के लिए उत्तराखंड को छह वर्ष के लिए करीब 797 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली है। इसके लिए 80 फीसद ऋण विश्व बैंक से मिलेगा, जबकि ख्0 फीसद हिस्सेदारी राज्य सरकार की रहेगी।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जुड़ने थे जिला अस्पताल सेयोजना के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को जिला अस्पताल से जोड़ा जाना है। पीपीपी के जरिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं को एकीकृत करते हुए जिला अस्पतालों में विशेषज्ञों की तैनाती की जाएगी, ताकि जिला स्तर पर रेफरल व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया जा सके। स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का विस्तारीकरण कर प्राथमिक सेवाओं को चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए भी इसमें ख्0म् करोड़ का प्रावधान रखा गया है। इन सभी गतिविधियों के संचालन के लिए राज्य स्तर पर परियोजना क्रियान्वयन टीम गठित की जा चुकी है।
संगठनात्मक ढांचा ही तैयार नहीं अलबत्ता, इस टीम का संगठनात्मक ढांचा अब तक तैयार नहीं हो पाया है। इस टीम में अधिकारियों की तैनाती व प्रतिनियुक्ति के अलावा अतिरिक्त जरूरत के हिसाब से संविदा के तहत भी नियुक्तियां की जानी हैं। फील्ड कार्डिनेटर, सपोर्ट स्टाफ, डाटा अस्सि्टेंट व डाटा एंट्री आपरेटर्स की भर्ती भी संविदा पर होगी, मगर संगठनात्मक ढांचा तैयार न होने के कारण यह योजना धरातल पर नहीं उतर पा रही है।