Struggle always wins
कभी किन्नर समुदाय में जन्म लेने के चलते अफसोस हुआ?नहीं ऐसा कभी नहंीं। क्योंकि मैंने अपने जीवन में वो हर मुकाम हासिल किया है, जो एक सामान्य व्यक्ति करना चाहता है। शबिना फ्रांसेस मेरी गुरु रही हैं, उन्होंने कम उम्र में ही मुझे अच्छी एजूकेशन दी है। उन्होंने ने ही मुझे किन्नरों के तौर तरीके और उनकी दुनिया के चलन के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही हमेशा एक सामान्य व्यक्ति की तरह ही जीवन यापन करने की प्रेरणा भी दी है। आज भी जब मैं किसी बड़ी प्रॉब्लम में होती हूं, तो उन्हें जरूर याद करती हूं। अपने परिवार की तरफ से किस तरह का रिएक्शन आपने फेस किया है?
भावुक होने के साथ ही सच्चाई को स्वीकार करते हुए लक्ष्मी कहती हैं, कि काफी मुश्किल होता है अपनी फैमिली के बिना रह पाना। यहां हमारी जिंदगी आम लोगों की अपेक्षा बहुत ही अलग होती है। मैं इस मामले में बहुत लकी हूं कि मेरा परिवार हमेशा मेरे साथ रहा है। हमारी बिरादरी में ये काफी मुश्किल होता है, कि लोग किन्नर को अपनाए। हम अक्सर हर घर में जाते हैं। लेकिन जब अपने ही रिश्तेदारों के घरों में जाने की बारी आती है, तो कदम अपने आप ही रुक जाते हैं। हमारे ही भाई भतीजे जब अपना मुंह मोड़ लेते हैं, तो देखकर बड़ा दु:ख होता है।
आपकी लाइफ में क्या कभी कोई टर्निंग प्वाइंट आया?आम तौर पर बचपन हर किसी का बहुत ही अच्छा होता है, लेकिन मैंने 15 साल की उम्र में अपना बचपन खो दिया था। बहुत सारी परेशानियों ने यूं घेरा की मैं जल्द ही मेच्योर हो गई. किन्नर शब्द से चिढ़ाने लगे थे। उस ऐज में सहना बहुत ही मुश्किल था। आम दुनिया को छोड़कर इस अलग ही दुनिया को अपनाना ही पड़ा। मेरी लाइफ का टर्निंग प्वाइंट न्यूयार्क में हुई यूनाइटेड नेशनल कांफ्रेंस थी। जब उस ही दौरान मेरे पिताजी का देहांत हो गया। ये बहुत ही बड़ा शौकिंग मूमेंट था। बस इसके बाद ही मैं और ज्यादा मजबूत होती चली गई.बिग बॉस में आपका क्या एक्सपीरिएंस रहा?
बहुत ही बेहतरीन, बिग बॉस शो में मुझे बहुत अच्छा लगा। वहां जाकर मैंने सीखा कि किस तरह एक इंसान को संयम रखना चाहिए। वहां जाकर मेरी संयम रखने की क्षमता वाकई में बढ़ गई। मैंने वहां 45 दिन बिताए है। इतने सारे अलग अलग व्यक्तित्व के लोग उस घर में बंद रहे। जहां आपको हर व्यक्ति से एक ही अंदाज में डील करना होता था। लेकिन अनुभव बहुत ही बेहतरीन रहा, वहां रहने के बाद, मैं ये सीख गई कि किस तरह इंसान अपने आप को सिचुएशन के अकार्डिंग ढाल सकता है।आगे चलकर आप पॉलिटिक्स में कदम रखना चाहेंगी? नहीं, इसके पीछे खास वजह यह है कि मैं बहुत सी संस्थाओं से जुड़ी हुई हूं। एशिया पैसेफिक बोर्ड, सेवन सिसट्र्स जैसी संस्थाओं से जुड़े होने की वजह से मेरा पॉलिटिक्स में आना फिलहाल न के बराबर है। पॉलिटिक्स की मुख्य धारा से जुडऩे की जरूरत है, जिससे समाज की मदद कर पाएं। किन्नर समुदाय में लोग ज्यादा पढ़े लिखे नहीं होते, एजुकेशन को लेकर क्या कहना है आपका? हमारे समाज में शिक्षा के प्रति जागरुकता की जरूरत है। इसके लिए सोशल अवेयरनेस होना बहुत ज्यादा जरुरी है। हम भी नॉर्मल माइंड रखने वाले लोग हैं। ऐसे में हमें भी शिक्षा का पूरा अधिकार है। धीरे-धीरे जैसे ही माहौल तैयार होता रहेगा। लोगों में विकास के प्रति जागरुकता आएगी। तो शिक्षा के द्वारा भी अपने आप ही खुलते चले जाएंगे।