उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पेपर लीक के तार लखनऊ की प्रेस तक जुड़े हुए हैं। पेपर लीक का यह मामला दिसंबर 2021 में सामने आया था। इस बारे में देहरादून के थाना रायपुर में मुकदमा दर्ज किया गया था। बाद में जांच स्पेशल टास्क फोर्स को सौंपी गई थी। एसटीएफ द्वारा अब तक गिरफ्तार किये गये आरोपियों से की गई पूछताछ से पता चला कि लखनऊ स्थित आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन नाम की जिस कम्पनी को पेपर छापने का कॉन्ट्रेक्ट दिया गया था उस कम्पनी के कुछ कर्मचारी भी पेपर लीक कराने में शामिल थे।

देहरादून ब्यूरो। एसटीएफ की जांच में इस कंपनी में काम करने वाले अभिषेक वर्मा नाम के कर्मचारी का नाम सामने आया। बताया गया कि वह अपने गांव शेरपुर जिला सीतापुर में मकान बना रहा है और लखनऊ में मकान का रिनोवेशन करवा रहा है। साथ ही अभिषेक द्वारा नई डिजायर कार खरीदे जाने की बात भी सामने आई। जबकि कंपनी अभिषेक वर्मा को मात्र 21000 रुपये वेतन देती है। इससे एसटीएफ का शक बढ़ गया और अभिषेक के बारे में जानकारी जुटानी शुरू कर दी।

पूछताछ में हुआ खुलासा
जांच में पता चला कि अभिषेक वर्मा किसी कार्य से देहरादून आया है। एसटीएफ ने अभिषेक वर्मा को पूछताछ के लिए ऑफिस में बुला लिया। पूछताछ उसने बताया कि वह आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कम्पनी में पेपर का सेट बनाकर उसे सील करने का काम करता है। यूकेएसएससवी परीक्षा कीतीनों ईनिंग के लिए तैयार किये गये थे। उसने हरईनिंग का एक-एक सेट निकाल लिया। इसके बाद अपने टेलीग्राम ऐप के माध्यम से आगे भेजे।

36 लाख मिले आरोपी को
इस काम के लिए अभिषेक वर्मा को 36 लाख रुपये मिले थे। उसने 95 हजार में अपने गांव में दो कमरे बनवाये। 90 हजार रुपये में डिजायर खरीदी, 30 हजार रुपये अपने मां के खाते में, 15 हजार रुपये अपने भाई के खाते में, 20 हजार रुपये अपने पिताजी के खाते में और कुछ रुपये अपनी पत्नी और अन्य परिचितों के खातों में डाले हैं।

Posted By: Inextlive