टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली को क्रिकेट से कितना प्यार है यह सभी जनाते हैं। 2006 में जब विराट के पिता का निधन हुआ तब भी विराट मैदान पर थे। कोहली ने इन्हीं यादों को फिर से याद करते हुए बताया कि पिता के निधन ने उनका जीवन कैसे बदल दिया।

कानपुर। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों में शुमार हो चुके विराट कोहली ने अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए हाथ में बैट पकड़ा था। विराट के पिता चाहते थे कि उनका बेटा एक दिन बड़ा क्रिकेटार बने। विराट ने इस सपने को पूरा भी किया मगर अफसोस की बात यह है कि विराट के पिता प्रेम कोहली इसे अपनी आंखों से नहीं देख पाए। कोहली के पिता का निधन 2006 में हुअा था, उस वक्त विराट घरेलू क्रिकेट खेला करते थे। विराट ने हाल ही में एक अमेरिकी स्पोर्ट्स पत्रकार ग्राहम बेनसिंगर को दिए इंटरव्यू में अपने पिता की निधन से जुड़ी इमोशनल बातों को शेयर किया। बेनसिंगर 'In depth with graham bensinger' नाम का एक शो होस्ट करते हैं जिसमें विराट कोहली को इनवाइट किया गया।

यह थी पिता की मौत की असल वजह

इस इंटरव्यू में विराट ने अपने पिता के निधन की असली वजह भी बताई। विराट ने कहा, 'साल 2006 में उनके पिता ने शेयर ट्रेडिंग का काम शुरु किया था। उस वक्त ये हाई रिस्क वाला माना जाता था। मगर पिता ने इसमें पैसा लगाया। अभी मुनाफा मिलना शुरु भी नहीं हुआ था एक बड़ा झटका लगा। पिता जी ने जितना पैसा लगाया सब डूब गया जिसके चलते वह डिप्रेशन में आ गए। उनकी दिमागी स्थिति खराब हो गई। तबियत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका ऑपरेशन भी हुआ।'  विराट के मुताबिक, एक बार अस्पताल पहुंचने के बाद उनके पिता दोबारा नाॅर्मल नहीं हो पाए। उन्हें पैरालिसिस का अटैक पड़ा और बाएं अंगो ने काम करना बंद कर दिया।'
डाॅक्टरों ने नहीं खोला दरवाजा
विराट ने आगे बताया कि उनके पिता की ऐसी हालत देख घरवाले काफी परेशान हो गए। उन्हें चिंता सताती थी। कोहली कहते हैं, 'फिर एक दिन मैं मैच खेलकर घर लौटा तो पिता की तबियत ज्यादा बिगड़ी हुई थी। ये चार दिनी मैच था और अगले दिन मुझे बैटिंग करनी थी। रात में करीब 2:30 बजे मैं पिता के पास बैठा हुआ था। मैंने उन्हें आखिरी सांस लेते हुए देखा। मैंने तुरंत उनकी छाती पर दबाव दिया मगर कुछ नहीं हुआ। हमारे मोहल्ले में कुछ डाॅक्टर्स रहते थे। हमने उनकी मदद लेने के लिए दरवाजा खटखटाया मगर किसी ने गेट नहीं खोला। वापस घर आकर हमने उन्हें इलेक्ट्रिक शाॅक दिए मगर सबकुछ खत्म हो चुका था। पिता की मौत के बाद मां और भाई सभी रोने लगे।'

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9 years. Each year each day each minute i wish you werent gone.

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विराट की आंख से नहीं निकला आंसू
विराट ने आगे बताया कि मेरी आंखों के सामने पिता की मृत्यु हुई, मगर उस वक्त मेरी आंख से एक आंसू नहीं निकला। मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था कि क्या करना है। हर कोई मेरी तरफ देख रहा था कि मैं रो क्यों नहीं रहा। सीरियसली कहूं तो मेरे आंसे जैसे जम गए थे। अगले दिन मुझे मैच खेलना था मैं अपने कोच के पास गया और उनको सारी बातें बताई। तब उन्होंने पूछा क्या तुम कल मैदान में उतरोगे, विराट ने हां में जवाब दिया। कोहली की मानें तो उनके कोच भी विराट के फैसले से हैरान रह गए थे।
मैच खेलकर आए तब किया अंतिम संस्कार
विराट कोहली अगले दिन मैदान पहुंचे। वह अभी ड्रेसिंग रूम में ही थे कि उनके साथियों ने पिता के निधन की खबर सुनकर सांत्वना दी। कोहली ने आगे बताया कि, यह वो पल था जब मैं पिता की मौत के बाद पहली बार रोया। मैं पूरी तरह से टूट चुका था। मैं वहां जी भर कर रोया। इसके बाद मेरी बैटिंग की बारी आई और मैच में अंपायर ने मुझे गलत आउट दे दिया। इसके बाद मैं घर गया और अपने पिता का अंतिम संस्कार किया।
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पिता के सपने को कर रहा पूरा

टीम इंडिया की रन मशीन कहे जाने वाले विराट कोहली के अंदर रनों की भूख अपने पिता की वजह से आई। विराट कहते हैं, मैं अपने पिता का सपना पूरा किया है और जिंदगी में बस एक ही बात सीखी कि कुछ भी हो जाए मगर क्रिकेट नहीं छूटना चाहिए।

 

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari