कभी सोचा था कि आप एटीएम को घूरेंगे और एटीएम खुद-ब-खुद पैसे निकाल के दे देगा। यकीन नहीं हो रहा है ना इस बात पर लेकिन तैयार हो जाइए ऐसी नयी तकनीक इस्‍तेमाल करने के लिए। कई बैंक अब आपको इस नई टेक्‍नोलॉजी से अवगत कराने के लिए विचार कर रहीं हैं।

सोची ना होगी ऐसी टेक्नोलॉजी
टेक्नोलॉजी इतनी तेजी से विकसित होगी ये शायद ही किसी ने सोचा होगा। डीसीबी बैंक, ऐक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे नामी बैंक अब ट्रांजैक्शन के बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन के लिए आइरिश-रिकॉग्निशन टेक्नॉलजी के इस्तेमाल पर विचार कर रहे हैं। इस तकनीक के जरीउ एटीएम मशीन को घूरने मात्र से पैसे निकल आएंगे। इस तकनीक को लाने का विचार ये तमाम बैंक इसलिए भी कर रही हैं क्योंकि इसमें किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है।

फिंगरप्रिंट स्कैनर में आती है मुश्किले
अब तक बीटा टेस्टिंग या फिंगरप्रिंट को समझनेवाले एटीएम का इस्तेमाल करने वाले इन बैंकों का कहना है कि फिंगरप्रिंट स्कैनर्स इफेक्टिव तो हैं, लेकिन इनकी कुछ मुश्किले भी हैं जो सुलझाना थोड़ा मुश्किल है। फैक्ट्री या खेती के काम में लगे मजदूरों की उंगलियां कटी-फटी रहती हैं, उनपर खरोंच या चोट के निशान होते हैं। ऐसे में एटीएम इस्तेमाल के वक्त फिंगरप्रिंट मैचिंग में समस्या आ सकती है। बता दें कि देश में फिंगरप्रिंट को समझने वाली एटीएम मशीन को लॉन्च करने वाला सबसे पहला बैंक डिसीबी बैंक था।

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Posted By: Ruchi D Sharma