-इंटीग्रेटेड टै्रफिक मैनेजमेंट से बदलेगी टै्रफिक की तस्वीर

- कैमरों के अलावा होगा ड्रोन और इंटरसेप्टर व्हीकल भी

-टै्रफिक पुलिस में पनप रहे भ्रष्टाचार पर लगेगा अंकुश

Meerut: मेरठ सहित पूरे प्रदेश में इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत ट्रैफिक की पूरी तस्वीर बदलने की तैयारी हो चुकी है। सबसे पहले लखनऊ में ट्रैफिक सिस्टम सुधारने के लिए ट्रैफिक पुलिस को बॉडी वार्न कैमरों से लैस किया गया था। इस प्रयोग को सफल होने के बाद अब अन्य जनपदों को बॉडी वार्न कैमरों से लैस करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए जनपदों के टै्रफिक डिपार्टमेंट को जरूरत के हिसाब से बॉडी वार्न कैमरे, छोटे ड्रोन और इंटरसेप्टर व्हिकिल खरीदने के निर्देश दिए गए हैं। इससे न सिर्फ पुलिस के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा, बल्कि पुलिस से भिड़ने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी।

4000 नए बैरियर

विगत दिनों प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम देबाशीष पंडा की अध्यक्षता में कमाण्ड सेंटर एनेक्सी में प्रबंधन समिति की बैठक में यह डिसीजन लिए गए। एडीजी ट्रैफिक अनिल अग्रवाल ने ट्रैफिक इंफोर्समेंट वर्क में इस्तेमाल के लिए तीन हजार व्हील बैरियर और एक हजार मोबाइल बैरियर (एक्सटेनडेबल) खरीदे जाएंगे। प्रदेश भर के सभी जिलों को यातायात उपकरणों और उससे संबंधित चीजों को खरीदने, मरम्मत करने और विभिन्न कार्यक्रमों के लिए जरूरी फंड ट्रैफिक मैनेजमेंट फंड से खरीदने को मंजूरी दी गयी है।

कई जिलों में ड्रोन

मीटिंग में बताया गया कि पिछले फाइनेंशियल ईयर में ट्रैफिक मैनेजमेंट फंड से 5 ड्रोन कैमरे खरीदे गए, जिनमें से लखनऊ को दो और वाराणसी, आगरा और नोएडा को एक एक ड्रोन दिया गया है। इसी व्यवस्था को और बेहतर करने के लिये दूसरे जिलों को ड्रोन कैमरे दिए जाने के लिये 12 ड्रोन कैमरे खरीदे जाने का डिसीजन लिया गया है। जिनमें से लखनऊ और इलाहाबाद को 2-2 और कानपुरनगर, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, अलीगढ़, आगरा, गोरखपुर और नोएडा को 1-1 ड्रोन कैमरा दिया जायेगा।

आठ इंटरसेप्टर भी

ट्रैफिक को सुधारने के लिए जरूरत के हिसाब से इंटरसेप्टर व्हिकिल भी खरीदे जा रहे हैं। इसमें लखनऊ, मेरठ, नोएडा, कानपुर नगर, इलाहाबाद, वाराणसी, आगरा और गाजियाबाद को इण्टरसेप्टर दिया जाएगा। इंटरसेप्टर में लगे इक्यूपमेंट के पुलिसकर्मी गाड़ी में बैठे बैठे आस पास की यातायात वीडियो रिकार्डिंग और गाडि़यों की स्पीड पता कर सकेंगे।

क्या है बॉडी वार्न कैमरा

यूपी में पहली बार बॉडी वार्न कैमरों का इस्तेमाल होगा। पायलट प्रोजेक्ट के तहत इन कैमरों को ट्रैफिक पुलिस को दिया जाएगा। अनिल अग्रवाल ने बताया कि कई बार ट्रैफिक रूल का इफोर्समेंट कराते समय पब्लिक के लोगों मिस बिहैवियर की घटनाएं सामने आती हैं। ऐसी घटनाओं पर प्रभावी कार्यवाही के लिए 100 बॉडी वार्न कैमरा खरीदा जा रहा है। यह कैमरे जैकेट में ही लगाया जाता है, जो ट्रैफिक पुलिस कर्मी पहने होता है। इस कैमरे के थ्रू पुलिसकर्मी और पब्लिक के बीच होने वाली सभी बातचीत विडियो के साथ रिकार्ड होगी। जीपीएस और जीपीआरएस के थ्रू यह सीधे कंट्रोल रूम से जोड़ा जा सकेगा। इस कैमरे की कीमत लगभग 25 हजार रुपए बताई जा रही है। इंडिया में हाल ही में हैदराबाद में इस तरह के कैमरों को इस्तेमाल करना शुरू हुआ है।

वर्जन

लखनऊ हुई बैठक में ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए योजना बनाई गई है। फंड आते ही योजना पर काम शुरू हो जाएगा।

-बीएस वीर कुमार, सीओ ट्रैफिक

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Posted By: Inextlive