छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : शहर के मानगो क्षेत्र के लोगों के लिए वाटर सप्लाई एक बड़ी समस्या है। क्षेत्र में पानी की समस्या यूं तो कमोबेश पूरे साल रहती है पर गर्मियां आती ही ये समस्या और भी बढ़ जाती है। पिछले दस वर्षो में मानगो की आबादी में पचास हजार से ज्यादा का इजाफा हुआ है पर बढ़ती आबादी के हिसाब से पानी की जरुरत पूरी करने की व्यवस्था नही हो पाई है। मानगो में 60 करोड़ से ज्यादा लागत वाले वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है पर सभी एरियाज में पाइपलाइन नही पहुंचने की वजह से अभी लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।

कई एरियाज में नही बिछा पाइपलाइन

मानगो क्षेत्र की पानी की समस्या को दूर करने के लिए करीब 64 करोड़ के लागत से मानगो वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई थी। 48 मिलियन लीटर पर डे (एमएलडी) वाटर सप्लाई की क्षमता वाले इस प्रोजेक्ट के शुरु होने से मानगो के करीब 2 लाख 20 हजार की आबादी को पानी की समस्या खत्म होने की उम्मीद जगी थी। पर क्षेत्र की पूरी आबादी को इससे राहत नही मिल पाई.मानगो जलापूर्ति योजना के तहत मानगो के बड़े क्षेत्र में पाइपलाइन नही बिछ पाया है। जिन क्षेत्रों में नही बिछाई गई है उनमे बालीगुमा, सुखना बस्ती, एमजीएम नगर, सुभाष कॉलोनी, रिपीट कॉलोनी, टीचर्स कॉलोनी, शंकोसाई, हिलव्यू कॉलोनी, डिमना बस्ती, खडि़या बस्ती सहित अन्य इलाके शामिल हैं। हालांकि गवर्नमेंट द्वारा सभी एरियाज में पाइपलाइन बिछाने के लिए 38.36 करोड़ रुपए सैंक्शन किए गए हैं।

वाटर सप्लाई के लिए इंतजार

मानगो के कई घरों में अभी भी वाटर सप्लाई का पुराना कनेक्शन है। पर ऐसे घरों में लोगों को पानी की काफी किल्लत का सामना करना पड़ता है। लोगों ने बताया कि इस कनेक्शन में कभी-कभी ही वाटर सप्लाई की जाती है, कई बार वाटर सप्लाई के लिए एक-एक सप्ताह तक का इंतजार करना पड़ता है।

टैंकर के जरिए किया जा रहा वाटर सप्लाई

मानगो में वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट पर करोड़ो रुपए खर्च किए जाने के बाद भी कई क्षेत्रों में लोग पानी के लिए टैंकरों पर निर्भर है, मानगो नोटिफाइड एरिया कमिटी द्वारा फिलहाल 13 जगहों पर 12 हजार लीटर वाले टैंकर्स के जरिए पानी सप्लाई किया जा रहा है वहीं कालिन्दी बस्ती, ओल्ड सुभाष कॉलोनी सहित चार जगहों पर 1500 लीटर वाले टैंकर से पानी की सप्लाई की जा रही है।

बढ़ रहा वाटर सप्लाई और डिमांड का गैप

शहर में रोज 180 मिलियन लीटर (एमएलडी) पानी की डिमांड है, पर सप्लाई है महज 56.7 एमएलडी। यानी डिमांड और सप्लाई का गैप 68.5 परसेंट है। पानी की डिमांड और सप्लाई का यह आंकड़ा अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री द्वारा अगस्त 2013 में लोकसभा में पेश किया गया था। इस रिपोर्ट में देश के 32 मेजर सिटीज में वाटर के डिमांड और सप्लाई को बताया गया है। हैरानी की बात है कि इन 32 शहरों में पानी की डिमांड और सप्लाई का सबसे बड़ा गैप जमशेदपुर में है। रिपोर्ट के अनुसार जमशेदपुर के बाद मदुरई, मेरठ, क ानपुर, धनबाद, आसनसोल, क ोयंबटूर जैसे शहर पानी की सबसे ज्यादा किल्लत झेलने वाले शहरों में शामिल हैं।

कम हो रहा है वाटर रिचार्ज सर्फेस

शहर में ग्राउंड वाटर के गिरते लेवल के लिए तेजी से हो रहा अर्बनाइजेशन जिम्मेदार है। पर्यावरणविद प्रो केके शर्मा ने कहा कि कंक्रिट के लगातार बढ़ते जाल की वजह से वाटर रिर्चाजिंग का सर्फेस कम होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में वाटर रिर्चाजिंग सर्फेस 50 परसेंट तक कम हो चुका है।

85 फीसदी आबादी पानी के लिए दूसरे स्त्रोतों पर निर्भर

झारखंड के 69 फीसदी शहरी आबादी पानी के लिए तरसती है जबकि 85 फीसदी लोगों को पानी के लिए जलापूर्ति के अन्य साधनों पर निर्भर रहना पड़ता है। राष्ट्रीय मानक के अनुसार शहरी क्षेत्र में रहने वाली आबादी को प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 135 लीटर पानी चाहिए। लेकिन उन्हें महज 47.6 लीटर पानी से संतोष करना पड़ रहा है। इस कारण लोग घरों में बोरिंग कराते हैं।

ठीक है पानी की क्वालिटी

मानगो इलाका का पानी साफ है। इसे बेफ्रिक होकर पीएं। इसमें कोई हानिकारक तत्व मिला हुआ नहीं है। पानी की क्वालिटी ज्यादातर पारामीटर्स पर सही पाई गई। पानी का पीएच वैल्यू, एल्कालिनिटी, टर्बिडिटी, कैल्शियम, क्लोराइड, आयरन, सल्फेट, नाइट्रेट, फ्लूराइड का लेवल भी परमिशेबल लिमिट के अंदर है। गौरतलब है कि पानी की यह जांच सभी नौ पैरामीटर के आधार पर की गई है। सभी मानकों पर पानी कमोबेश शुद्ध है। इसे पीने से किसी प्रकार का नुकसान नहीं है।

घर से करें वाटर कंजर्वेशन की शुरुआत

जल एक सीमित संसाधन है इसलिए इसका कंजर्वेशन बेहद जरुरी है। वाटर कंजर्वेशन की शुरुआत घर से की जा सकती है। घर में नलों से पानी के लीकेज की रोकना, टॉयलेट में अनावश्यक रुप से फ्लश ना चलाना, कम पानी के उपयोग वाले फ्लश का इस्तेमाल, ब्रश करते सयम या शेविंग करते समय नल को लगातार ना चलाना, ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन का उपयोग पूर्ण क्षमता पर कर काफी पानी बचाई जा सकती है।

Posted By: Inextlive