सामाजिक कल्याण मंत्रालय के मंत्री थावरचंद गहलोत ने लोकसभा में बुधवार को भारतभर के भिखारियों की संख्या का एक आकड़ा पेश किया है। इससे पता चला है कि देशभर में इस समय कुल 413760 भिखारी हैं जिसमें 221673 पुरुष और 191997 महिलाएं हैं। आकड़ों के मुताबिक भिखारियों की संख्या पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा है वो इस मामले में सबसे ऊपर है। आइये देशभर के भिखारियों के आकड़े पर एक पूरी नजर डालें।


पश्चिम बंगाल सबसे ऊपरभिखारियों के मामले में पश्चिम बंगाल पहले पायदान पर है। लोकसभा में पेश किए गए डाटा के अनुसार पश्चिम बंगाल में कुल 81,224 भिखारी हैं, इनमें 33,086 पुरुष और 48,158 महिलाएं हैं। इसके अलावा दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश, वहीं इस मामले में बिहार तीसरे स्थान पर है।  उत्तर प्रदेश और बिहार में भिखारियों की संख्या अगर उत्तर प्रदेश में भिखारियों की संख्या पर बात करें तो आकड़े के मुताबिक यहां कुल 65,838 भिखारी हैं, इनमें 41,859 पुरुष और 23,976 महिलाएं है। वहीं बिहार में 29,723 भिखारी हैं, इनमें 14,842 पुरुष और 14,881 महिलाएं है। संसद में पेश की गई इस रिपोर्ट में असम, मणिपुर और पश्चिम बंगाल में महिला भिखारियों की संख्या पुरुषों से अधिक है।यहां हैं सबसे कम भिखारी
दरअसल, आकड़ों के मुताबिक सबसे कम भिखारियों की संख्या लक्षद्वीप में है। लक्षद्वीप में केवल 2 भिखारी हैं। इसके अलावा भिखारियों की संख्या पूर्वोत्तर के राज्यों में काफी कम है। संसद में पेश किए गए आकड़ों के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश में सिर्फ 114 भिखारी हैं, नगालैंड में 124 और मिजोरम में सिर्फ 53 भिखारी ही हैं। संघ शासित प्रदेश दमन और दीव में 22 भिखारी हैं।

राजधानी में इतनी संख्या


सामाजिक कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में भिखारियों की संख्या 3320 और हिमाचल प्रदेश में 809 है, जबकि राजधानी दिल्ली में भिखारियों की संख्या 2187 है।

Posted By: Mukul Kumar