16 मई 2013 का दिन 20 साल में संजय दत्‍त की लाइफ का सबसे बिजी दिन था लेकिन मान्‍यता दत्‍त की लाइफ का प्रॉब्‍बली पहला बिजीएस्‍ट डे था जो उनको हिला कर गुजर गया. इसके बाद का सन्‍नाटा टाडा कोर्ट में संजय को छोड़ कर लौटते टाइम उनके फेस पर साफ दिखा.

एक दिन पहले सुबह संजय के साथ उनके सरेंडर के लिए जाते समय क्या था मान्यता दत्त के माइंड में ये वो ही जानती होंगी, पर उस शोर शराबे से भरी सुबह की शाम, रात के उतरते उतरते गहरे सन्नाटे में बदल गयी. थकी हारी मान्यता के पास शूटिंग से लौटने वाले संजय दत्त का इंतजार नहीं था, मीडिया को शोर नहीं था और सोचने के लिए बहुत कुछ था. घर से निकल कर कोर्ट की भीड़ से संभाल कर उन्हें ले जाने के लिए संजय दत्त की बहन प्रिया दत्त उनके साथ थीं. कोर्ट से लौट कर उन्हें वापस घर छोड़ने के लिए भी प्रिया उनके साथ थीं. संजय की दोनों बहने बीच बीच में उनके पास आती रहेंगी और उनको सर्पोट भी करती रहेंगी पर 42 हफ्ते के सन्नाटे को कोई भी कैसे कम करेगा.

कैसे कटेगा हर पल
कल ऑर्थर रोड जेल में कैसी बीती संजय की रात, वो सोए या नहीं, क्या खाया, हर खबर पर मीडिया की नजर थी पर कैसी बीती मान्यता की रात उन्होंने क्या खाया सो पायीं या नहीं, इस बारे में सोचने वाला कोई नहीं था. कल शाम टाडा कोर्ट से वापस आने के लिए कार में बैठी अकेली मान्यता के फेस पर थकान के साथ और कुछ भी नजर आ रहा था जिसे समझना आसान नहीं था. उनकी आखों में जो खालीपन था वो उस औरत की उलझन को दिखा रहा था जिसे बहुत कुछ संभालना था और जिसे समझ नहीं आ रहा था कि कहां से कैसे शुरुआत करेगी. इसी लिए कहते हैं कि गुनाह के चमकदार रस्तों के पीछे की अंधेरी खाई को देख कर भी नजर अंदाज कर देने वाले अपने पीछे ऐसी ही सूनी आंखे और थके सवालिया चेहरे छोड़ जाते हैं.
सोचा नहीं था तकदीर यहां लायेगी   
आने वाले 42 मंथ तक संजय दत्त का नया एड्रेस पॉसिबली पुणे की यरवदा जेल ही रहेगा. यहां वो रेग्युलर प्रिजिनर्स की तरह रहेंगे. र्सोसेज के अकॉर्डिंग उन्हें कोई स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं दिया जाएगा. लास्ट टाइम जब वो 18 मंथ के लिए जेल में रहे थे तब उन्हें कारपेंटर का वर्क मिला था. इस बार भी कुछ ऐसा ही काम उन्हें  दिया जा सकता है. वैसे संजय को गार्डनिंग बेहद पसंद है शायद उन्हें इसी तरह को काम मिले. उन्हें अर्ली मार्निंग 5 बजे उठ कर रेडी होना होगा ब्रेकफास्ट के तुरंत बाद उन्हें काम पर लगना होगा और लंच ब्रेक के बाद रात नौ बजे तक वो काम करते रहेंगे. लगभग 40 रुपीज पर डे के हिसाब से वो अपनी फेमिली के लिए लगभग 1500 रुपए मंथली अर्न करेंगे.

1995 में संजय दत्त सुप्रीम कोर्ट से बेल पर जेल से रिहा हो गए थे. 2007 में उन्हें फिर से अरेस्ट किया गया लेकिन वे जल्द ही छूट गए. टाडा कोर्ट ने उन्हें टेरेरिस्ट तो नहीं माना लेकिन आर्म्स एक्ट में उन्हें 6 साल की सजा सुनाई थी. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने 21 मार्च को इललीगल आर्म्स पजेशन के लिए संजय दत्त की सजा बरकरार रखी थी. कोर्ट ने संजय दत्त को 5 साल कैद की सजा सुनाई, जिसमें डेढ़ साल की सजा वे पहले ही काट चुके हैं और अब उन्हें जेल में साढ़े तीन साल की और सजा काटनी है और उनके साथ यही सजा शायद संजय के रेजिडेंस इंपीरियल हाइट्स में रहते हुए मान्यता दत्त को भी काटनी है.

Posted By: Kushal Mishra