नेपाल और श्रीलंका के बाद अब चीन की मदद को पाकिस्‍तान ने भी ठुकरा दिया है। पड़ोसी मुल्‍कों से चीन के संबंध लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। ऐसे में अब पाक की ना ने चीन के कारोबार को काफी प्रभावित किया है। हम आपको उन देशों के बारे में बताने जा रहे हैं जो चीन के प्रस्‍तावों को ठुकरा चुके हैं।


पाकिस्तान ने ठुकराई चीन की मददपाकिस्तान ने अपनी एक बड़ी परियोजना में चीन के आर्थिक प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक पाकिस्तान के एक अखबार ने बताया कि चीन ने 14 अरब डॉलर करीब 915 अरब रुपये के दियामेर-भाशा बांध के निर्माण में पाकिस्तान को मदद का प्रस्ताव दिया था।  जिसे पाकिस्तान ने ठुकरा दिया। खबर के मुताबिक पाकिस्तान ने चीन से कह दिया है कि वह बांध के निर्माण को अपनी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा यानी सीपीईसी परियोजना से बाहर रखे। पाकिस्तान स्थित सूत्रों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय कर्जदाता इस परियोजा में पैसा देने के लिए तमाम कड़ी शर्तें लगा रहें हैं। इसके चलते परियोजना का खर्च 14 अरब डॉलर हो गया है जो शुरुआत में पांच अरब डॉलर था। नेपाल ने हाइड्रो प्रॉजेक्ट पर दिया चीन को झटका
नेपाल ने चीन को झटका देते हुए एक हाइड्रो प्रॉजेक्ट के लिए चीन की कंपनी का ठेका रद्द कर दिया है। नेपाल के डेप्युटी पीएम कमल थापा ने ट्वीट कर बुढ़ी गंडकी हाइड्रोपावर प्रॉजेक्ट पर चीनी कंपनी के ठेका को रद्द करने की जानकारी दी है। यह ठेका अब भारत की कंपनी एनएचपीसी को मिल सकता है। डेप्युटी पीएम कमल थापा ने ट्वीट किया कि संसदीय समिति के निर्देश के बाद कैबिनेट मीटिंग में चीनी कंपनी गजूबा ग्रुप के साथ किए गए समझौते को खत्म कर दिया गया है। यह समझौता नेपाल के ओबीओआर में शामिल होने की सहमति देने के बाद ही अस्तित्व में आया था। करीब एक साल पहले नेपाल की प्रचंड सरकार में चीन की कंपनी गजूबा वाटर ऐंड पावर कंपनी लिमिटेड ने इस प्रॉजेक्ट को हासिल किया था। इस प्रॉजेक्ट के तहत नेपाल के केंद्रीय और पश्चिमी क्षेत्रों में बुढ़ी गंडकी के ऊपर वाटर स्टोरेज डैम बनाए जाने थे। नेपाल का यह कदम वन बेल्ड वन रोड जैसी योजना से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ाने में जुटे चीन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

Posted By: Prabha Punj Mishra