राम रहीम के जेल जाने के बाद जेलों की स्थिति पर चर्चा आजकल जोरों पर है। वहां कैदी क्या काम करते हैं इस पर भी खबरें आ रही हैं। हम इस वीडियो स्टोरी के जरिये ये बताना चाहते हैं कि ओपन जेल यानि खुली जेल जहां कैदी किसी चाहरदीवारी में नहीं बल्कि खुली जगह में रह कर अपनी सजा काटते हुए काम करते हैं। ऐसी ही इतिहास के पन्नों में दर्ज एक खुली जेल की कहानी हम बताने जा रहे हैं।

ये यूनीक प्रयोग प्रदेश के तत्कालीन गृहमंत्री डॉ। सम्पूर्णानंद जी ने किया। उसके निर्देश पर ही चंद्रप्रभा फारेस्ट सेक्टर में एक बांध का निर्माण हुआ। ये पूरा निर्माण जेल के कैदियों ने ही किया। 1953 से 1955 तक ये बांध बन कर तैयार हुआ। वर्ष 1956 में स्वयं डॉ। सम्पूर्णानंद ने इस बांध का लोकार्पण किया। तब वह मुख्यमंत्री बन चुके थे।

ये बांध एक इतिहास है जो ये दर्शाता है कि जेल में बंद कैदियों से यदि सही तरीके से उचित माहौल में काम कराया जाए तो बड़े-बड़े निर्माण कराए जा सकते हैं।

 

 

 

अपने मॉर्निंग अलार्म को Snooze करने वालों के लिए ही है ये खबर, पढ़ लो बाद में पछताना न पड़े

रिपोर्ट: रवीन्द्र पाठक, कैमरा: अंचल अग्रवाल

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Posted By: Chandramohan Mishra