- करते हैं राशन का स्टॉक, आपूर्ति विभाग नहीं रखता नजर

- मेरठ जिले में मौजूद हैं 245 राशन की दुकानें

Meerut : राशन की दुकानों में दाल वितरण लोगों के लिए खुशी की खबर है। लेकिन एक डर या यूं कहें कि सवाल भी खड़ा हो गया है कि क्या कार्ड धारकों को प्रॉपर तरीके से दाल मिल पाएगी? क्या सरकार या एडमिनिस्ट्रेशन राशन की दुकानों में जमाखोरी और ब्लैक मार्केटिंग को रोक पाएगी? ये सवाल इसलिए खड़े हो रहे हैं क्योंकि ऐसे मौकों पर आम जनता को लाभ नहीं मिल पाता है। वहीं राशन एजेंसी मालिक लाखों रुपयों के वारे न्यारे कर लेते हैं।

जिले में हैं ख्ब्भ् राशन एजेंसी

जिले में राशन एजेंसी की संख्या काफी अच्छी खासी है। आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में ख्ब्भ् राशन की एजेंसी हैं। जोकि राशनकार्ड धारकों को कंट्रोल रेट पर राशन मुहैया कराते हैं। लेकिन अधिकतर राशन की दुकानें या तो बंद रहती है या फिर उनमें राशन न होने का बहाना बनाया जाता है। जिसके कारण आम और गरीब जनता को राशन नहीं मिल पाता है। इस बात को संज्ञान में लेना काफी जरूरी है।

ब्लैक मार्केटिंग पर रखनी होगी नजर

राशन की दुकानों में अक्सर इस बात के आरोप लगते रहे हैं कि यहां पर जमाखोरी और ब्लैक मार्केटिंग जमकर होती है। 70 फीसदी राशन की दुकानों में इलीगल तरीके से ये काम हो रहा है। एजेंसी मालिक अपनी दुकानों में बड़ी संख्या में सामान का स्टॉक करके रख लेते हैं। इसे रोकने में एडमिनिस्ट्रेशन के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। वैसे तो अधिकारियों का कहना है कि अगर कोई जमाखोरी और ब्लैक मार्केटिंग करते हुए पाया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

वर्जन

राशन की दुकानों पर पूरी तरह से नजर रखी जाएगी। कोई भी दालों का स्टॉक करते हुए पाया गया तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। दाल वितरण के दौरान हर एजेंसी मालिक से दालों की पूरी रिपोर्ट मांगी जाएगी। पूरी पारदर्शिता से काम कराया जाएगा।

- डीएन श्रीवास्तव, जिला आपूर्ति अधिकारी

Posted By: Inextlive