क्या चुनाव से पहले बन पाएगा तीसरा मोर्चा?
व्यावहारिक रूप से यह तीसरे मोर्चे की तैयारी है, पर बनाने वाले ही कह रहे हैं कि औपचारिक रूप से तीसरा मोर्चा चुनाव के पहले बनेगा नहीं. बन भी गया तो टिकेगा नहीं.हाल में ममता बनर्जी ने संघीय मोर्चे की पेशकश की थी. यह पेशकश नरेन्द्र मोदी के भूमिका-विस्तार के साथ शुरू हुई. पर वे इस विमर्श में शामिल नहीं होंगी, क्योंकि मेज़बान वामपंथी दल हैं.राष्ट्रीय परिदृश्य पर कांग्रेस और भाजपा दोनों को लेकर वोटर उत्साहित नहीं है, पर कोई वैकल्पिक राजनीति भी नहीं है. उम्मीद की किरण उस अराजकता और अनिश्चय पर टिकी है जो चुनाव के बाद पैदा होगा.ऐसा नहीं कि तीसरे मोर्चे की कल्पना निरर्थक और निराधार है. देश की सांस्कृतिक बहुलता और सुगठित संघीय व्यवस्था की रचना के लिए इसकी ज़रूरत है.
पर क्या कारण है कि इसके कर्णधार चुनाव में उतरने के पहले एक सुसंगत राजनीतिक कार्यक्रम के साथ चुनाव में उतरना नहीं चाहते?खतरों से लड़ने वाली राजनीति
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव से पहले यह मोर्चा नहीं बनेगा. अभी इसकी जमीन तैयार होगी. उनका कहना था कि चुनाव से पहले मोर्चा बनाने में हमेशा दिक्कतें आती हैं. सीटों के बंटवारे को लेकर मुश्किल हो जाती है. हर बार यह चुनाव बाद ही बनता है. इस बार भी चुनाव बाद ही बनेगा.मुलायम सिंह से पहले सीपीएम के महासचिव प्रकाश करात ने इस साल अप्रैल में कहा था कि केंद्र में तीसरा मोर्चा बनाना आसान नहीं है, क्योंकि पार्टियाँ मौके पर तेजी से अपना रुख बदल लेती हैं.इस लिहाज़ से बुधवार की यह बैठक होली मिलन या इफ्तार पार्टी जैसा है, जिसका उद्देश्य उस शब्दावली की ईज़ाद करना है, जो चुनाव के बाद के गठजोड़ को खूबसूरत नाम देने के काम आएगी.उम्मीद है कि अन्नाद्रमुक, सपा, बीजू जनता दल (बीजद), जनता दल (यूनाइटेड), झारखंड विकास मोर्चा, रिपब्लिकन पार्टी और वाम मोर्चा से जुड़ी चारों पार्टियाँ सम्मेलन में शिरकत करेंगी. इसमें यूआर अनंतमूर्ति, श्याम बेनेगल और मल्लिका साराभाई जैसे संस्कृति कर्मी भी हिस्सा लेने वाले हैं.राजनीतिक लाभ के लिए नहीं
यह भ्रष्टाचार विरोधी है. यह बात वोटरों के मन में सनसनी पैदा करती है. राजनेताओं को समझ में नहीं आता कि यह कैसी राजनीति है?बहरहाल आज की मुलाकात काफी महत्वपूर्ण है, खासतौर से मीडिया के लिए जो लम्बे अरसे से राहुल-मोदी चालीसा का पाठ कर रहा है. उसे विचार-मंथन के लिए कुछ सामान मिलेगा. आज इसी बात पर सही. मिलते हैं ब्रेक के बाद....