स्कूलों में सभी बच्चों को आपस में बात करने का मिले अवसर

सीमैट में चार दिवसीय टीचर्स ट्रेनिंग का हुआ उद्घाटन

ALLAHABAD: वैसे तो बच्चे स्कूल में पढ़ने के लिए आते है। लेकिन पढ़ाई के साथ ही अन्य विषयों में ज्ञान भी बच्चों के लिए बेहद आवश्यक है। ये बातें शुक्रवार को सीमैट में शुरू हुए चार दिवसीय कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के टीचर्स की वर्कशाप के उद्घाटन सत्र में सचिव बेसिक शिक्षा संजय सिन्हा ने कही। उन्होंने कहा कि बच्चों के सामने भविष्य में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए उन्हें तैयार करने का कार्य टीचर्स का होता है। कई बार देखा गया है कि बच्चे पढ़ाई में तो अव्वल होते हैं, लेकिन किसी से मिलने -जुलने में झिझक महसूस करते हैं। ऐसा लगातार होने से वे समाज में घुलमिल नहीं पाते और भविष्य में उन्हें इसके दुष्परिणामों का सामना करना पड़ता है।

बात करने की दें खुली छूट

सीमैट में चल रहे चार दिवसीय प्रशिक्षण का मुख्य विषय विशिष्ट कौशल विकास है। जिसके द्वारा टीचर्स को बच्चों के अंदर सामाजिकीकरण का विकास करने के तरीकों को डेवलप करना है। इस दौरान संजय सिन्हा ने कहा कि अध्यापकों को बच्चों के समाजिकीकरण का कार्य विद्यालय में ही करना चाहिए। बच्चों को व्यक्तिगत तथा सार्वजनिक रूप से बोलने का बार-बार अवसर देना चाहिए। उन्हें मित्रों के साथ ही अन्य बच्चों के साथ बैठने तथा बात करने की छूट देनी चाहिए। लगातार ऐसा करने से बच्चों में नए लोगों से मिलने की झिझक दूर होगी। जो उनके व्यक्तित्व विकास में सहायक होगी। इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक प्रभात मिश्रा ने भी वातावरण निर्माण की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र में डॉ। अमित खन्ना, सरदार अहमद, सुफिया फारूकी, पवन सावंत आदि ने भी अपने विचार टीचर्स के सामने रखे।

Posted By: Inextlive