सफेद बाघों वाला दुनिया का पहला सफारी सतना के मुकुंदपुर में जनता के लिए खोल दिया गया। बिलौटा परिवार के इस सदस्‍य यानी सफेद बाघ को विंध्‍य के इस इलाके में तकरीबन 100 साल पूर्व सबसे पहले खोजा गया था। यह सफारी 50 करोड़ रुपये की लागत में 25 हेक्‍टेयर इलाके में फैला है। इस सफारी का लोकार्पण मध्‍य प्रदेश के मुख्‍य मंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने किया।


विंध्य क्षेत्र ने दिया दुनिया को पहला सफेद बाघपर्यावरण मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि दुनिया को पहला सफेद बाघ मध्य प्रदेश ने दिया है। प्रदेश के लोगों का लंबे समय से यह सपना था कि यहां सफेद बाघ फिर से दिखें। आज वह सपना इस सफारी के रूप में पूरा हुआ है। उन्होंने कहा कि एक सम्मेलन में हिस्सा लेने दुनिया के 12 देशों से नेता आएंगे जहां के चिडि़याघरों में सफेद बाघ हैं। सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। सफारी में रघु, विंध्य और राधा का रहेगा जलवा
शुक्ल ने कहा कि सरकार की योजना है कि गोविंदगढ़ में सफेद बाघों के लिए ब्रीडिंग सेंटर बनाया जाएगा। मध्य प्रदेश के इसी विंध्य क्षेत्र में 1915 में सफेद बाघ देखा गया था। बिलौटा परिवार के इस दुर्लभ प्रजाति के सफेद बाघ को पहली बार पकड़ा गया जिसकी 1920 में मौत हो गई। 1951 में सफेद बाघ के एक बच्चे को पकड़ा गया। उसका नाम मोहन रखा गया। दुनिया में जितने भी सफेद बाघ हैं सभी उसी के वंशज हैं। इनकी ब्रीडिंग की व्यवस्था महाराजा मार्तंड सिंह ने की थी।Report by : Chandan Prakash Singh, PTI

Posted By: Satyendra Kumar Singh