एक टाइम था जब इंडिया में लोग फूलन देवी को आतंक के पर्याय के रूप में देखते थे. उसके नाम से ही लोगों की रूह कांप जाती थी, लेकिन उसी फूलन देवी का नाम आज टाइम मैग्जीन की लिस्ट में शामिल किया गया है. यह भी समय की ही बात है कि दर्जनों लोगों को मौत के घाट उतारने वाली फूलन को इंडिया में बैंडिट क्वीन का खिताब मिला तो टाइम मैग्जीन ने उसके इस कदम को एक विद्रोह की संज्ञा देते हुए मोस्ट रिबेलियस वुमन बताया है.
वुमंस डे पर टाइम मैग्जीन ने वल्र्ड में हुए पिछले कुछ विद्रोहों और उनमें महिलाओं की भूमिका पर नजर डाली. उन्होंने पाया कि चाहे वह विद्रोह यमन में सत्ता के परिवर्तन को लेकर हुआ हो, या फिर लोगों की डेमोक्रेसी को लेकर किया गया हो. सभी विद्रोह में महिलाओं का विशेष योगदान रहा. इस लिस्ट में इंडिया में ‘बैंडिट क्वीन’ के नाम से फेमस रही फूलन देवी के द्वारा अपर कास्ट के खिलाफ विद्रोह तो शामिल रहा ही साथ ही डेमोक्रेसी की लड़ाई लड़ते हुए 15 साल जेल की सजा काट कर आंग सू की का नाम भी शामिल है.
Tawakul Karman, Yemen
यमन में बदलाव की चाह रख रही वहां की जनता को एक नई ताकत दी है तावाकुल करमान ने. 32 साल की करमान तीन बच्चों की मां हैं और इस समय उन्होंने यमन में ह्यूमन राइट्स और फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के लिए मोर्चा छेड़ा हुआ है. वैसे करमान की यह जंग यमन के प्रेसीडेंट अली अब्दुल्लाह सालेह के खिलाफ कई सालों से चल रही है. वह 2007 से सना यूनिवर्सिटी के बाहर हर मंगलवार को पीसफुली प्रोटेस्ट करती चली आ रही हैं. पीसफुल अप्रोच के बाद भी उन्हें कई बार जेल का मुंह देखना पड़ा.
Aung San Suu Kyi, Myanmar
म्यांमार में ही 15 साल की लंबी गिरफ्तारी के बाद आंग सान सू की को नवंबर 2010 में आजादी मिल ही गई. म्यांमार में एक विद्रोही से ज्यादा लोगों में देवी की तरह पूजी जाने वाली सू की लड़ाई मिलिट्री जुंटा के रिप्रेसिव रूल के खिलाफ है. सू की को म्यांमार की आइकॉन के रूप में जाना जाता है. अपनी लाइफ का एक बड़ा हिस्सा इंडिया, यूएस, जापान और इंग्लैंड में स्पेंड करने के बाद वह 1988 में अपने देश वापस आ गईं. उस समय लोगों ने म्यांमार में चल रही सत्ता के खिलाफ जंग छेड़ रखी थी. आर्मी वहां पर स्टूडेंट्स, भिक्षुओं और वर्कर्स पर ताबड़तोड़ गोलियां चला रही थी. तब पहली बार सू की लोगों को अड्रेस करने के लिए सामने आईं. सू की ने 1989 में नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी की स्थापना की. 1990 में सू की पीएम भी बनीं.
Golda Meir, Israel
कैबिनेट में ‘द ओनली मैन’ के नाम से जानी जाने वाली गोल्डा मायर जियोनिस्ट रिवॉल्यूशनरी मूवमेंट पीरियड के दौरान पहचान में आईं. कई इंफ्लुएंशियल जियोनिस्ट लीडर्स के अरेस्ट हो जाने के बाद गोल्डा ज्यूस और ब्रिटेन मैंडेट के बीच में प्राइमरी निगोशिएटर बनीं. साथ ही वह आम्र्ड ज्यूइश रेजिस्टेंस मूवमेंट के संपर्क में रहीं. ज्यूइश सेटेलमेंट को हार से बचाने के लिए उन्होंने 1948 की यूएस ट्रिप के दौरान ज्यूइश डायस्पोरा कम्यूनिटी के लिए 50 मिलियन डॉलर बनाए.
Vilma Lucila Espin, Cuba
क्यूबा की पहली लेडी कम्यूनिस्ट रिवॉल्यूशन विल्मा लुसिया एस्पिन के पिता एक लॉयर थे. एक केमिकल इंजीनियर की ट्रेनिंग लिए विल्मा ने बटिस्टा डिक्टेटरशिप के अगेंस्ट हथियार उठाए और लोगों के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाई.
Jiang Qing, China
दोहरी जिंदगी जीने वाली चाइना की जियांग किंग की एक जिंदगी शुरू होती है एक्सट्रीम पावर्टी और एक्ट्रेस के रूप में एक छोटे से करियर के साथ जिसमें कई नाकामयाब शादियां भी शामिल हैं. दूसरी लाइफ है कम्यूनिस्ट शासन के रेडिकल मेंबर की जो कल्चरल रिवॉल्यूशन के दौरान चाइना में लेकर आया डिस्ट्रक्शन और टेरर. इसके अलावा जियांग को मॉडर्न हिस्ट्री में ब्रूटल, अनरिपेंटेंट रिवॉल्यूशनरीज के रूप में जाना जाता है, जिसने चेयरमैन माओ जिडांग के साथ शादी हो जाने के बाद उसके स्टेटस को अपनी पावर के लिए अतृप्त इच्छा के रूप में यूज किया.
Phoolan Devi, India
‘बैंडिट क्वीन’ के नाम से जानी जाने वाली फूलन देवी ने अपना रिवॉल्यूशन नॉर्थ और सेंट्रल इंडिया से लूटपाट कर शुरू किया. इस रिवॉल्यूशन में उन्होंने अपर कास्ट को अपना टारगेट बनाया. 1981 में उन्होंने बैंडिट्स के एक गैंग को लीड किया जिसने 20 से ज्यादा आदमियों को मौत के घाट उतार दिया था. यह अपर कास्ट का वह गांव था जहां उसके पूर्व प्रेमी का कत्ल किया गया था. इसके चलते फूलन देवी को इंडियन गवर्नमेंट ने 11 साल जेल की सजा सुनाई थी. जेल की सजा काट के आने के ठीक दो साल के अंदर वह पार्लियामेंट के लिए इलेक्ट हो गई थीं.
Other rebellious
Nadezhda Krupskaya, Russia
Angela Davis, U.S.
Janet Jagan, Guyana
Susan B. Anthony, U.S.
Emmeline Pankhurst, Britain
Harriet Tubman, U.S.
Mary Wollstonecraft, Britain
Joan of Arc, France
Boudica, Britain
Corazon Aquino, Philippines