50 करोड़ का नुकसान रिजार्ट और क्लब संचालकों को
60 फीसद तक स्टाफ कम हुआ कई रिजार्ट और क्लबों में
70 के करीब फंक्शन एक रिजार्ट या क्लब में एक साल में
10 हजार लोगों की रोजी-रोटी का जरिया हैं रिजार्ट और क्लब
- आगे भी बुकिंग न मिलने से रिजार्ट मालिक परेशान
- कई रिजार्ट मालिकों ने अपन कर्मचारियों की संख्या भी की कम
LUCKNOW: लॉकडाउन ने रिजार्ट और क्लबों की रौनक भी छीन ली है। मार्च, अप्रैल, मई में शादियों के लिए जो बुकिंग हुई थीं, सब कैंसिल हो गई, वहीं अब आगे की बुकिंग भी उन्हें नहीं मिल रही है। थीम बेस पार्टियों के लिए होने वाली बुकिंग भी नहीं हो रही हैं। लॉकडाउन के कारण रिजार्ट और क्लब मालिकों को अब तक करीब 50 करोड़ का नुकसान हो चुका है और आगे भी उन्हें कोई उम्मीद नहीं नजर आ रही है। इस सेक्टर से जुड़े अधिकांश लोगों ने भारी नुकसान के कारण अपन यहां का 60 फीसद स्टाफ भी कम कर दिया है। पेश है एक रिपोर्ट
आगे भी उम्मीद नहीं दिख रही
रिजार्ट और क्लब मालिकों का कहना है कि लॉकडाउन हटने के बाद भी उनके लिए कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। कोरोना के चलते लोग फंक्शन में ज्यादा लोगों को जब बुलाएंगे ही नहीं तो वे इन्हें बुक क्यों कराएंगे। वहीं लॉकडाउन के दौरान 20 से ज्यादा लोगों को किसी फंक्शन में नहीं बुला सकते हैं, ऐसे में लोग फंक्शन किसी होटल या घर पर ही कर लेंगे।
बाक्स
अगर ये मदद मिल जाए
- रिजार्ट कारोबारियों के अनुसार उनके यहां सौ किलो वॉट तक के कनेक्शन हैं। ऐसे में इस संकट के समय उन्हें फिक्स्ड चार्ज से छूट दी जानी चाहिए।
- तीन माह से कोई काम नहीं मिला है, ऐसे में रिजार्ट कारोबारी जीएसटी में भी वेव ऑफ की उम्मीद कर रहे हैं।
- इस बिजनेस से जुड़े जिन लोगों ने लोन ले रखा है, वे ब्याज में छूट भी चाहते हैं।
10 हजार लोगों को रोजगार
राजधानी में करीब डेढ़ दर्जन रिजार्ट और इतने ही क्लब हैं। एक-एक क्लब या रिजार्ट में 200 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। इस तरह करीब 10 हजार लोगों को इन जगहों पर काम मिला हुआ है।
एक साल में कितने फंक्शन
- एक रिजार्ट या क्लब में एक साल में करीब 70 फंक्शन होते हैं।
- इसमें 45 के करीब शादियां होती हैं और बाकी मीटिंग या अन्य फंक्शन होते हैं।
कोट
अप्रैल, मई की सहालग तो पहले ही कैंसिल हो गई थीं। जून में जिनके यहां शादियां थी, उन्होंने भी फंक्शन टाल दिए हैं। फिलहाल रिजार्ट के ऊपर से संकट के बादल हटते नजर नहीं आ रहे हैं। जिस तरह की गाइड लाइन शादियों के लिए जारी की गई है, उससे रिजार्ट कोई नहीं बुक कराएगा।
पंकज अग्रवाल, आनंदी वाटर पार्क
हमारे यहां का हाल फेमस है और यहां थीम बेस शादियों की काफी डिमांड रहती है, लेकिन इस बार सहालग के सीजन में ही काफी नुकसान हो गया है। आगे क्या होगा, यह भी अभी क्लीयर नहीं है। इस तरह के नुकसान के बारे में कभी सोचा नहीं था।
इंद्रजीत सिंह, गोल्डन ब्लासम इम्पीरियर रिजार्ट
फैजाबाद रोड
लॉकडाउन से इस साल का बिजनेस तो खत्म ही हो गया है। आगे क्या होगा, यह तस्वीर भी अभी साफ नहीं है। सर्दी के सीजन में सहालग भी इस बार कम हैं। सब खुल भी जाए तो भी नुकसान होना तय है। अब तो स्टाफ का खर्च उठाना भी भारी पड़ रहा है।
मनीष वर्मा, ड्रीम वर्ल्ड रिसार्ट
कानपुर रोड
मार्च, अप्रैल और मई में हमारे यहां 28 शादियों की बुकिंग थी, सभी कैंसिल हो गई। लॉकडाउन में खर्च का बोझ बढ़ा तो न चाहते हुए भी स्टाफ कम करना पड़ा। कोरोना के चलते सारे काम बंद हो गए हैं। लोगों को सतर्कता के साथ काम करने के लिए प्रेरित करना चाहिए, ताकि लोगों को रोजगार मिल सके।
संजीव जायसवाल, स्कार्पियो क्लब
कुर्सी रोड