नई दिल्ली (एएनआई)। No Confidence Motion: संसद के मानसून सत्र का आज नौवां दिन है। हालांकि अब तक इस पूरे सत्र में मणिपुर मामले को लेकर खूब हंगामा हो रहा हुआ है। इस बीच एक बड़ी खबर है कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बहस 8 और 9 अगस्त को लोकसभा में होने की संभावना है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस प्रस्ताव पर बहस करने की उम्मीद है। I.N.D.I.A से संबंधित विपक्षी दलों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को पिछले सप्ताह लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया था।


सरकार तय समय पर प्रस्ताव पर बहस के लिए तैयार
मणिपुर में हिंसा पर विस्तृत चर्चा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग को लेकर कई दिनों के विरोध के बाद विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (आई.एन.डी.आई.ए.) गठबंधन के विपक्षी दलों की ओर से 26 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था। प्रस्ताव स्वीकार होने के बाद स्पीकर ने कहा कि बहस का दिन और समय बाद में तय किया जाएगा। वहीं इस पूरे मामले पर सरकार ने कहा था कि वह स्पीकर द्वारा तय समय पर अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के लिए तैयार है।


जानें सदन में अविश्वास प्रस्ताव का क्या है पूरा प्राॅसेस
लोकसभा में विपक्षी दल सरकार के खिलाफ जो प्रस्ताव लाते हैं उसे अविश्वास प्रस्ताव कहते हैं। लोकसभा का कोई भी सदस्य सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे सकता है। अविश्वास प्रस्ताव के लिए लोकसभा सेक्रेटरी जनरल को पहले रिटेन में एक नोटिस देना होता है। हालांकि यह लोकसभा अध्यक्ष पर निर्भर करता है कि अविश्वास प्रस्ताव को चर्चा और बहस के लिए परमीशन दी जाए या नहीं। यदि वह परमीशन देता तो चर्चा के लिए तारीख और समय भी तय करता है। इस दाैरान यदि अविश्वास प्रस्ताव पारित होता है तो सरकार को इस्तीफा देना पड़ता है।

National News inextlive from India News Desk