कस्टमर्स को नहीं होती बीमा की जानकारी
गैस कनेक्शनधारियों को यह बात शायद ही मालूम हो कि, हर एक कनेक्शन पर हादसा बीमा मुफ्त मिलता है। जी हां अगर किसी वजह से एलपीजी सिलेंडर फट जाता है, तो बीमा के रूप में 10 लाख का मुआवजा मिल सकता है। वैसे बीमा की जानकारी ज्यादातर कस्टमर्स को नहीं होती है जिसके अभाव में बीमा के लिए क्लेम नहीं कर पाते हैं। ऐसे में अगर आप चाहें तो बीमा कंपनियों और गैस कंपनी से बीमा संबधित जानकारी ले सकते हैं।

गैस कंपनियां करवाती हैं बीमा
वैसे कोई बीमा कंपनी इस तरह की जानकारी कस्टमर्स को नहीं देती है। लेकिन सार्वजनिक जवाबदेयता के तहत गैस कंपनियों को यह बीमा करवाना पड़ता है। यह बीमा दो प्रकार का होता है जिसमें एक कंपनी की ओर से और दूसरा कस्टमर्स की ओर से। इसके तहत थर्ड पार्टी इश्योंरेंस भी दिया जाता है। वहीं एजेंसी को भी प्रत्येक कस्टमर का थर्ड पार्टी बीमा करवाना अनिवार्य होता है।

कैसे मिलता है क्लेम
एलपीजी सिलेंडर से होने वाली दुर्घटनाओं में नुकसान के आधार पर बीमा का भुगतान किया जाता है। इश्योरेंस कंपनियां घटना स्थल पर जाकर सर्वे करती है और फिर क्लेम का निर्धारण करती हैं। क्लेम की रकम 25 हजार से 10 लाख रुपये तक हो सकती है। बताते चलें कि 25 हजार का क्लेम नो फॉल्ट लायबिलिटी में आता है। इसमें हादसे में उपभोक्ता की गलती नहीं होनी चाहिए। अब अगर क्लेम लेने की बात करें तो हादसा होने के 3 इदिन के अंदर संबंधित थाने में रिपोर्ट दर्ज कराकर एजेंसी में क्लेम की कागजी कार्रवाई की जा सकती है।

BIC से मान्यता प्राप्त हों

वैसे यह बीमा तभी मिलता है, जब गैस कनेक्शन में प्रयोग किए जाने वाले पाइप, रेगुलेटर समेत सभी जरूरी उपकरण भारतीय मानक ब्यूरो (BIC) से मान्य हों। यानी कि इनके ऊपर BIC का लोगो छपा होना चाहिए। इस स्थिति में ही कस्टमर क्लेम के लिए आवेदन कर सकता है।

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