नई दिल्ली, 29 जून (आईएएनएस)। शिवसेना के मुख्य व्हिप सुनील प्रभु ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को गुरुवार (30 जून) को सदन में बहुमत साबित करने के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल के निर्देश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। कोर्ट शाम पांच बजे मामले की सुनवाई के लिए तैयार हुई। बता दें राज्यपाल ने गुरुवार को सदन में फ्लोर टेस्ट करने का निर्देश दिया है। इस दौरान दिन की कार्यवाही की वीडियोग्राफी और लाइव प्रसारण किया जाएगा, जिसमें विधायिका के अंदर और बाहर पर्याप्त सुरक्षा के प्रावधान होंगे।

शिवसेना ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
मंगलवार देर रात राजभवन द्वारा महाराष्ट्र विधानमंडल सचिव को इस संबंध में एक लेटर जारी किया गया था। इसके तुरंत बाद विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की और उनसे एमवीए को तत्काल निर्देश देने का आग्रह किया कि सदन में वे बहुमत साबित करें। हालांकि शिवसेना फिलहाल फ्लोर टेस्ट से बच रही है और उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की अवकाश पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख किया और दिन में बाद में मामले पर तत्काल सुनवाई की मांग की। न्यायमूर्ति कांत ने सिंघवी से कहा कि अदालत गुरुवार को शाम 5 बजे मामले की सुनवाई करेगी। न्यायमूर्ति कांत ने कहा, "जो भी परिणाम हो। हम आज मामले की सुनवाई करेंगे।"

मामला हो रहा जटिल
शिवसेना के बागी विधायकों का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल ने सिंघवी की दलीलों का विरोध किया और अदालत से गुरुवार को मामले की सुनवाई करने का आग्रह किया। पीठ ने कहा, “जो तात्कालिकता पैदा की गई है, उसे ध्यान में रखते हुए, हम आज ही केस की सुनवाई करेंगे।" बता दें शीर्ष अदालत एकनाथ शिंदे और शिवसेना के अन्य बागी विधायकों की याचिकाओं पर भी सुनवाई कर रही थी, जिसमें डिप्टी स्पीकर द्वारा उन्हें जारी अयोग्यता नोटिस और शिवसेना विधायक दल के नेता के रूप में अजय चौधरी की नियुक्ति को चुनौती दी गई थी।

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