पं. राजीव शर्मा (ज्योतिषाचार्य)। Makar Sankranti 2022 : हिन्दू पर्व निर्णय के अनुसार सूर्य मकर राशि में जिस दिन प्रवेश करता है, उस दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है। यदि सूर्य मकर राशि में सूर्योदय से पूर्व प्रवेश करें तो मकर संक्रांति पहले दिन ही मनाई जायेगी। इस वर्ष 2022 में दिनांक 14 जनवरी, शुक्रवार को मकर संक्रांति होना विशेष महत्वपूर्ण है क्योकि इस वर्ष संक्रांति अयन संक्रांति होने के कारण अति महत्वपूर्ण है। इस वर्ष सूर्य देव का मकर राशि में प्रवेश निरयण गणना के अनुसार 14 जनवरी 2022 को अपराह्न 2:29 बजे होगा। मुहुर्त चिंतामणि ग्रंथ के अनुसार महापुण्य काल प्रातः 8:05 बजे के बाद अपरान्ह 02:38 बजे तक एवं पुण्यकाल सूर्यास्त तक रहेगा।
इस मंत्र का उच्चारण कर स्नान करें

इस वर्ष मकर संक्रांति के समय अति शुभ फल देने वाला रोहिणी नक्षत्र एवं सिद्दि देने वाला "शुभ योग" के उपरांत *ब्रह्म योग रहेगा।इस दिन रोहिणी व्रत भी है जिसका फल शुभ होना बताया गया है। ज्योतिषत शास्त्र के अनुसार मकर संक्रांति के स्वामी सूर्ये पुत्र शनि देव है। शनि के प्रकोप से मुक्ति पाने के लिए इस दिन की गई सूर्यो उपासना महाशुभ है।इस दिन तीर्थों पर स्नानादि का विशेष महत्व है। निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण कर स्नान करें
गङ्गे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वती।
नर्मदे सिंधु कावेरि जलेस्मिन संनिधि कुरु।

मकर संक्रांति का महत्व
मत्स्य पुराण के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्योपासना के साथ यज्ञ, हवन एंव दान को पुण्य फलदायक माना गया है। शिव रहस्य ग्रन्थ में मकर संक्रांति के अवसर पर हवन पूजन के साथ खाद्य वस्तुओं में तिल एवं तिल से बनी वस्तुओं का विशेष महत्व बताया गया है। पुराणों के अनुसार मकर संक्रांति सु:ख शान्ति, वैभव, प्रगति सूचक, जीवों में प्राण दाता, स्वास्थ्य वर्धक, औषधियों के लिए वर्णकारी एवं आयुर्वेद के लिए विशेष है। यदि संक्रांति दिन में हो तो प्रथम तृतीयांश में क्षतियों को, दूसरे तृतीयांश में ब्राह्मणों को, तीसरे तृतीयांश में वैश्यों को और सूर्यास्त के समय की संक्रांति शूद्रों को कष्टप्रद होती है। इसी प्रकार रात्रि के प्रथम प्रहर की संक्रांति घृणित कर्म करने वालो को, दूसरे प्रहर की संक्रांति राक्षसी प्रवृत्ति के लोगों को, तीसरे प्रहर की संक्रांति संगीत से जुड़े लोगों को, चौथे प्रहर की संक्रांति किसान, पशुपालक, मज़दूरों के लिए दुखदायिनी होती है। मकर संक्रांति प्राय: माघ मास में आती है परन्तु इस वर्ष मकर संक्रांति पौष माह में पड़ रही है।