एक लाख से अधिक की खरीद पर पैन कार्ड

कालेधन की जांच करने वाली एसआईटी ने काले धन को रोकने के लिए अपनी कुछ सिफारशों को पेश किया है. इन सिफारशों में सबसे खास बात यह है कि एसआईटी ने एक लाख से अधिक की खरीद के लिए पैन कार्ड और आधार कार्ड को आवश्यक बनाने की सिफारिश की है. गौरतलब इसमें कैश के साथ-साथ चैक से की गई परचेजिंग भी शामिल है.

तैयार हो केवाईसी डेटाबेस

एसआईटी ने हर ट्रांजेक्शन के समय उपलब्ध कराए जाने वाले पहचान पत्रों जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड और पैन, पासपोर्ट नंबर से मिली जानकारी को एक नो योर कस्टमर डेटाबेस में संगृहित करने की सिफारिश दी है. इसके साथ ही अगर कोई व्यक्ति अपने साथ 10 से 15 लाख रुपये से अधिक की रकम ले जाता पाया जाए तो उससे अधिक के कैश को जब्त किया जाए. इसके अलावा एसआईटी ने एक यूरोपीय नियम का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत में भी ट्रांजेक्शन की सीमा को कुछ इस तरह तय किया जाए जिससे लोगों का रेगुलर ट्रांजेक्शन अफेक्ट ना हों.

कर की चोरी को माना जाए अपराध

एसआईटी ने अपनी सिफारिश में कहा है कि 50 लाख रुपये या इससे ज्यादा कर चोरी को प्रिडिकेट ऑफेंस यानी मनी लॉन्ड्रिंग और टेरेरिज्म के लिए पैसे उपलब्ध कराने का अपराध माना जाए. इसके साथ ही एसआईटी ने भारतीय एक्सपोर्ट और इंपोर्ट को अन्य देशों के एक्सपोर्ट और इंपोर्ट से मिलाने की बात कही है. एसआईटी ने कहा कि यदि प्रतिमाह ऐसा करना संभव नही हो तो तीन महीने के अंतराल में ऐसा किया जाए. इसके अलावा ऐसे ट्रांजेक्शन में एक्सपोर्ट या इंपोर्ट किए जा रहे सामान की इंटरनेशनल मार्केट प्राइस को शिपिंग बिल में लिखा जाए.

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