- महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर लकड़ी बेचने वालों ने हर ओर जमाया है कब्जा, घाट के सुंदरीकरण में अटका रहे रोड़ा

- घाट रेनोवेशन को लेकर बनाई गई तमाम योजनाएं नहीं हो पा रही हैं मुकम्मल

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महाश्मशान मणिकर्णिका घाट की सूरत बदलने की तमाम कवायदें काफी लंबे वक्त से चल रही हैं। घाट पर शवदाह के लिए प्लेटफॉर्म और फुट ओवर ब्रिज बनाने का प्लान है। लेकिन ये प्लान तीन साल से सिर्फ कागजों में ही अटका पड़ा है। क्योंकि घाट की सूरत बदलने में सबसे बड़ा रोड़ा वहीं पर कब्जा जमाये लकड़ी बेचने वाले अटका रहे हैं। इस बारे में कार्यदायी संस्था का कहना है कि घाट पर हर तरफ कब्जा है जिसकी वजह से काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है।

प्रशासन नहीं दे रहा साथ

दरअसल, पीएम मोदी के बनारस से सांसद बनने के बाद प्लानर इंडिया ने केन्द्र सरकार के निर्देश पर मणिकर्णिका घाट को डेवलप करने का काम शुरू किया था। पहले पांच करोड़ के प्रोजेक्ट पर काम शुरू होने के बाद इसे बजट को बढ़ाकर दस करोड़ रुपये कर दिया गया। लेकिन घाट पर काम कुछ नहीं हुआ। हां ऊबड़-खाबड़ जमीन पर शव दाह के लिए कुछ स्ट्रक्चर लगाकर छोड़ दिए गए लेकिन इसके बाद यहां कुछ ऐसा नहीं हुआ जिससे मणिकर्णिका घाट का लुक बदला दिखे।

कहां कहां है कब्जा

- सतुआ बाबा आश्रम के सामने

- बिड़ला धर्मशाला के सामने भिखारी धर्मशाला

- घाट की सीढि़यों पर

- जनाना घाट के पास और अंदर

- ऊपर बने शवदाह स्थल की सीढि़यों पर

- गंगा किनारे खड़ी नावों पर

- जनाना घाट पर बने चेंजिंग रुम में

डीएम वीणा के बाद नहीं पड़ी किसी की हिम्मत

मणिकर्णिका घाट पर लकड़ी बेचने वालों का इसे रसूख कहें या फिर प्रशासन का फेल्योर जो यहां करीब 15 साल पहले तत्कालीन डीएम वीणा के बाद कभी अतिक्रमण या कब्जा हटाने की हिम्मत किसी ने नहीं जुटाई। उस वक्त डीएम वीणा के सख्त तेवर के चलते ये घाट लकड़ी वालों के कब्जे से मुक्त हो गया था। लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के चलते यहां फिर से अराजकता का माहौल है और कोई एक्शन लेने वाला नहीं है।

मणिकर्णिका घाट पर जगह-जगह कब्जे के बाबत जानकारी है। इनको जल्द हटाया जाएगा। लकडि़यां व्यवस्थित ढंग से रखने के लिए उचित स्थान की तलाश भी की जाएगी।

डॉ नितिन बंसल, नगर आयुक्त

लकड़ी वालों को सार्वजनिक या सरकारी नहीं बल्कि खुद की जमीन पर लकड़ी रखने की व्यवस्था करनी चाहिए। इसके लिए प्रशासन को भी ये निर्धारित करना चाहिए कि कौन कितनी मात्रा में लकडि़यां स्टोर करके रखें।

श्याम लाल सिंह, चेयरमैन प्लानर इंडिया