कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Manipur Violence : भारत का एक बेहद खूबसूरत राज्य मणिपुर आज जातीय हिंसा में सुलग रहा है। आज यहां बस हर तरफ आग की लपटे, धुआं व डर का माहाैल बना है। हो भी क्यों आखिर दो सबसे बड़े समूह बहुसंख्यक मैतेई और अल्पसंख्यक कुकी भूमि और वर्चस्व के लिए लड़ाई कर रहे हैं। मणिपुर हिंसा में पिछले दो महीनों में अब तक 150 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं हाल ही में यहां जो दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने व सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है उसने देश ही नहीं बल्कि दुनिया को भी झकझोर कर रख दिया है। बताया जा रहा है कि दोनों महिलाएं कुकी समुदाय से हैं। वहीं जो लोग उन्हें बिना कपड़ों के घुमा रहे हैं वो मैतेई समुदाय से हैं। हालांकि मामले की जांच की जा रही है।

मणिपुर कहां है और वहां कौन लोग हैं
पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर की सीमा म्यांमार से लगती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां इंफाल घाटी क्षेत्र में मुख्य रूप से मैतेई समुदाय का निवास है, जो मुख्य रूप से हिंदू व बहुसंख्यक हैं। मैतेई समुदाय मणिपुर की कुल आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं। वहीं दूसरी ओर, मणिपुर के पहाड़ी इलाके में लगभग 40 प्रतिशत मान्यता प्राप्त जनजातियों का घर हैं, जिनमें नागा और कुकी जनजातियां प्रमुख हैं। ये जनजातियां मुख्य रूप से ईसाई संबद्धता रखती हैं। इसके अतिरिक्त, मणिपुर में लगभग 8 प्रतिशत आबादी में मुस्लिम और सनमाही समुदाय के लोग शामिल हैं।

मैतेई व कुकी समुदाय के हक में अंतर
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 371C के तहत, मणिपुर की पहाड़ी जनजातियों को विशेष दर्जा और विशेषाधिकार दिए गए हैं जो मैतेई समुदाय को उपलब्ध नहीं हैं। इसके अलावा 'भूमि सुधार अधिनियम' के तहत, मैतेई समुदाय को पहाड़ी क्षेत्रों में जमीन खरीदने पर प्रतिबंध का सामना करना पड़ता है। हालांकि, पहाड़ी इलाकों में रहने वाली जनजातियों के लिए घाटी में बसने की ऐसी कोई सीमा नहीं है। माना जा रहा है कि इसी वजह ने दोनों समुदायों के बीच बढ़ते मतभेदों में योगदान दिया है। मणिपुर हिंसा में दो महीने में अब तक 150 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

National News inextlive from India News Desk