मुंबई (पीटीआई)। मिलेजुले ग्लोबल रुख से भी बाजार प्रभावित हुआ। कारोबारियों का कहना था कि लगातार विदेशी निवेश के बाहर जाने से भी निवेशकों का भरोसा प्रभावित हुआ। भारी उतार-चढ़ाव के बाद 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 68.36 अंक या 0.10 प्रतिशत नीचे 66,459.31 अंक के स्तर पर आकर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 66,658.12 अंक के उच्च स्तर तथा 66,388.26 अंक के निचले स्तर को छू गया था। इसी तरह एनएसई निफ्टी भी 20.25 अंक या 0.10 प्रतिशत फिसल कर 19,733.55 अंक रह गया।

मुनाफे में कमी की रिपोर्ट के बाद पावरग्रिड टाॅप लूजर

सेंसेक्स पैक में शामिल पावरग्रिड 5 प्रतिशत से ज्यादा टूट गया। इसके बाद बजाज फिनसर्व, इंडसइंड बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, रिलायंस इंडस्ट्रीज, मारुति, एशियन पेंट्स, लार्सन एंड टूब्रो और बजाज फाइनेंस फिसल कर नुकसान के साथ बंद हुए। जून तिमाही के शुद्ध मुनाफे में कमी संबंधी रिपोर्ट के बाद पावरग्रिड के शेयर टूट गए। वहीं दूसरी ओर एनटीपीसी, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक्नोलाॅजी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एक्सिस बैंक, टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज, इन्फोसिस और जेएसडब्ल्यू स्टील के शेयर बिकवाली के बावजूद लाभ कमाने में कामयाब रहे।

ग्लाेबल शेयर बाजारों में मिलेजुले रुख के साथ कारोबार

एशियाई बाजारों में सियोल और टोक्यो के शेयर बाजारों में कारोबारी सौदे लाभ के साथ किए गए जबकि हांगकांग और शंघाई के शेयर बाजार फिसल कर नुकसान में बंद हुए। यूरोपीय शेयर बाजारों में मिड सेशन सौदे नुकसान में किए गए। अमेरिकी शेयर बाजार सोमवार को लाभ के साथ हरे निशान में बंद हुए थे। मंथली सर्वे में कहा गया है कि नये ऑर्डर में हल्की कमी से नरम आउटपुट के बावजूद लगातार दूसरे महीने जुलाई में भारतीय मैन्चुफैक्चरिंग एक्टिविटीज अप्रभावित रही। इंटरनेशनल मार्केट में कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का सौदा 0.49 प्रतिशत नीचे 85.01 डाॅलर प्रति बैरल के भाव पर किया गया। एक्सचेंज की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को 701.17 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

आने वाले दिनों में प्रमुख आंकड़ों से तय होगी बाजार की दिशा

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज में रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि दुनिया भर के बाजार से प्रभावित घरेलू शेयर बाजार नीचे भाव पर कारोबार करते रहे। अमेरिकी अर्थव्यवस्था से उम्मीद को देखते हुए आईटी शेयरों में उछाल रहा। जुलाई में लगातार दूसरे महीने मांग में हल्की नरमी के बावजूद भारतीय मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां मजबूत रहीं। आने वाले दिनों में ऑटो सेल्स के आंकड़े, यूएस पीएमआई और यूएस जाॅब डाटा से बाजार की दिशा तय होगी। जीएसटी कलेक्शन में 11 प्रतिशत बढ़ कर जुलाई में 1.65 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। अप्रत्यक्ष कर लागू होने के बाद लगातार पांचवीं बार जुलाई में यह आंकड़ा 1.6 लाख करोड़ रुपये पार पहुंचा है।

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