मेडिकल स्टूडेंट्स ने दी चेतावनी
मंगलवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के अलावा हेल्थ प्रोवाइडर्स ऑफ इंडिया (एचपीआइ) और देशभर के मेडिकल छात्रों के प्रतिनिधियों ने ग्रामीण इलाकों में छात्रों की तैनाती को इंटर्नशिप और स्नातकोत्तर प्रशिक्षण का हिस्सा बनाए जाने की मांग की. आइएमए का कहना है कि वह सरकार के फैसले का समर्थन करती है, लेकिन मौजूदा हालात में यह संभव नहीं है. आइएमए के महासचिव नरेंद्र सैनी के अनुसार, ‘मेडिकल छात्रों को पाठ्यक्रम और इंटर्नशिप के तहत गांवों में छह महीने के लिए तैनात किया जाए.’ मेडिकल छात्रों के संगठनों ने सरकार के फैसले के विरोध में राष्ट्रव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है.

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