- मेंटल टॉर्चर के सबसे ज्यादा मामले दून में
- महिला आयोग के आंकड़े कर रहे तस्दीक
- महिला हिंसा के कुल मामलों में 10 फीसदी से ज्यादा मेंटल टॉर्चर के
देहरादून.
महिलाओं के प्रति अपराध के मामलों में 10 परसेंट से ज्यादा महिलाएं मेंटल टॉर्चर झेल रही हैं. महिला आयोग के आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं. साल दर साल इन मामलों में इजाफा हो रहा है और महिलाएं स्ट्रेस का शिकार हो रही हैं. दून के बाद मेंटल टॉर्चर के सबसे ज्यादा मामले यूएस नगर और इसके बाद हरिद्वार से सामने आए हैं.
10 परसेंट से ज्यादा केस मेंटल टॉर्चर के
पिछले तीन वर्षो का स्टैटिस्टिकल एनालिसिस करें तो वर्ष 2016-17 में महिला आयोग के पास दून से महिला अपराध संबंधी 568 कम्प्लेन दर्ज हुईं, जिनमें 153 मेंटल टॉर्चर की थीं. ऐसे ही वर्ष 2017-18 में कुल अपराध का आंकड़ा बढ़कर 593 हो गया, इनमें से मेंटल टॉर्चर के मामले 173 थे. 2018-19 में 11 माह में महिला अपराध के 467 केस दर्ज हुए, इनमें मेंटल टॉर्चर के 146 मामले शामिल हैं.
3 वर्ष का स्टैटिस्टिकल एनालिसिस (देहरादून)
वर्ष कुल मामले मेंटल टॉर्चर परसेंटेज
2016-17 568 153 29
2017-18 593 173 26
2018-19 467 146 31
(2018-19 के आंकड़े फरवरी तक)
प्रदेश में मेंटल टॉर्चर के केस
वर्ष कुल केस मेंटल टॉर्चर
2016-17 1532 333
2017-18 1502 311
2018-19 1386 358
(2018-19 के मामले फरवरी तक)
मैंटल टॉर्चर
वर्ष केस डिस्पोजल पेंडिंग
2016-17 153 145 8
2017-18 173 165 8
2018-19 146 60 86
मेंटल टॉर्चर केस स्टडी
केस 1. पति देता है तलाक की वार्निग
एक महिला ने राज्यमहिला आयोग में अपने पति के खिलाफ कम्प्लेन दर्ज कराई कि उसका पति और सास-ससुर उसके साथ गाली-गलौज करते हैं. विरोध करने पर पति मार-पीट कर तलाक देने की धमकी देता है. सास उसके 5 साल के बच्चे को उसके पास नहीं जाने देती. ऐसे उसका मेंटल टॉर्चर किया जा रहा है.
केस 2. पड़ोसी दे रहा मानसिक तनाव
जोगीवाला में रहने वाली एक महिला ने महिला आयोग को बताया कि उसका अधेड़ पड़ोसी ईव-टीजिंग करता है. पति को इस बारे में बताया तो उसने चुप रहने की हिदायत दी. लेकिन, पति के ऑफिस टाइम में अधेड़ उसके घर के आस-पास घूमता रहता है और भद्दे कमेंट करता है. जिससे वह मेंटल स्ट्रेस में है.
केस 3. पति की गैरमौजूदगी में जुल्म
प्रेमनगर की एक महिला ने आयोग को बताया कि उसकी शादी को 3 साल हो गए हैं, पति विदेश में नौकरी करता है और हर 2 साल में छुट्टी लेकर घर आता है. जब पति घर में रहता है तो ससुराल वाले अच्छा बिहेव करते हैं, लेकिन उसके जाते ही ससुराल वाले बात-बात पर टोक कर मानसिक उत्पीड़न करते हैं. पति को बताया तो सास ने मोबाइल तक छीन लिया. पति जब घर आया, उसे बताया तो उसने टाल-मटोल कर दिया. ऐसे में उसका स्ट्रेस लेवल बढ़ रहा है.
- महिलाओं को कई तरह से मेंटल टॉर्चर करने के केसेज सामने आए हैं. अधिकांश मामलों में घर के लोग ही आरोपी हैं, ऐसे में दोनों पक्षों को बुलाकर उनकी काउंसिलिंग की जाती है, मकसद दोनों पक्षों से संबंध मधुर बनाना होता है.
-विजया बड़थ्वाल, अध्यक्ष, राज्य महिला आयोग