90 सेकेंड पर मेट्रो

लखनऊ में चलने वाली मेट्रो ट्रेन को जरूरत पड़ने पर बिना ड्राइवर के भी चलाया जा सकेगा। लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एलएमआरसी) लखनऊ में दौड़ने वाली मेट्रो को कुछ इसी तरह ही डिजाइन कराने जा रहा है। अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) ने कम्युनिकेशन बेस ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (सीबीटीसी) पर चलाने के लिए मेट्रो के प्रधान सलाहकार से सिफारिश की है। इस नई तकनीक से हर 90 सेकेंड पर मेट्रो को चलाया जा सकेगा। आरडीएसओ ने यह तकनीक लखनऊ और हैदराबाद मेट्रो में लागू करने की सिफारिश की है। मेट्रो अधिकारी स्वीकारते हैं कि इस तकनीक के जरिये भविष्य में मेट्रो को बिना ड्राइवर भी चलाया जा सकेगा। वर्तमान में एक ट्रेन के दस किलोमीटर चले जाने के बाद ही दूसरी ट्रेन चलाई जाती है। इससे पटरियों का अधिक से अधिक इस्तेमाल बढ़ने के साथ ही ट्रेनों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकेगी। यही फंडा मेट्रो में लागू होगा।

नई नौकरियों की बहार

हर स्टेशन पर बने कंट्रोल रूम में मेट्रो की सभी गतिविधियों को कैद किया जा सकेगा। दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन के अगले चरण में भी सीबीटीसी को लागू किया जा सकता है। इसके साथ ही कहा जा रहा है कि जल्द लखनऊ मेट्रों में नई नौकरियों की भी बहार आएगी। जिसमें करीब 2000 भर्तियां की जाएंगी। इसके लिए मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन जगह निकालेगी। लखनऊ में पहला मेट्रो रूट जो शुरु होगा वह ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग रेलवे स्टेशन तक का होगा। इस रूट पर पिलर से लेकर ट्रैक पड़ने तक का काम लगभग पूरा हो चुका है।

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