सुनने में थोड़ा अटपटा लगेगा। लेकिन, ऐसा है। भरोसा न हो तो पेट्रोल-डीजल भरवाते समय इसे खुद चेक लें। एक्चुअली तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने लगा है। इस टेम्प्रेचर पर पेट्रोल-डीजल ज्यादा मात्रा में हवा में उड़ने लगता है।

उड़ रहा पेट्रोल, माइलेज हो गया कम

-42 डिग्री सेल्सियस से ऊपर लगातार चल रहा है टेम्प्रेचर

-टंकी में भरवाते समय उड़ना है स्वभाविक प्रक्रिया

-लगातार बढ़ रही है गाड़ी का माइलेज कम हो जाने की शिकायतें

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ALLAHABAD: एक्चुअली इस स्थिति के लिए सिर्फ तापमान जिम्मेदार है। पेट्रोल पम्प का वेंडर कुछ नहीं कर सकता। हां थोड़ा एहतियात बरतकर आप जरूर फायदे में हो सकते हैं। यह समस्या है तपिश के चलते पेट्रोल-डीजल के उड़ने की। टंकी का लॉक खराब होने से पेट्रोल कम होते जाने की। जरा सी लापरवाही से आपकी गाड़ी का माइलेज कम होना तय है और निश्चित तौर पर इसका असर आपकी जेब पर पड़ेगा।

पम्प बचा लेते हैं अपना फ्यूल

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बताते हैं कि तापमान का पारा गर्मी के दिनों में आम तौर पर ब्0 डिग्री सेल्सियस के ऊपर रहा है। इस टेम्प्रेचर में किसी भी पेट्रो पदार्थ के खुले होने पर उड़ने की स्थिति बन जाती है। वर्तमान समय में इलाहाबाद में दिन का टेम्प्रेचर ब्ख् डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा है। इससे बचने के लिए पेट्रेाल पम्पों पर बीपी रिकवरी सिस्टम लगाया जाता है। जो हवा में उड़ रहे फ्यूल को रिकवर करने का काम करता है। इसका यूज पेट्रेाल पम्प वाले हमारे-आपके लिए नहीं अपने लिए करते हैं क्योंकि ठीक उसी स्थिति से वह भी दो-चार होते हैं, जिसका सामना हम-आप करते हैं।

धूप में न खड़ी करें गाड़ी

एक्सपर्ट सुधीर कुमार बताते हैं कि आप व्हीकल्स का फ्यूल सेफ रखना चाहते हैं, आपको वाहन छांव में खड़ा करना चाहिए। छांव उपलब्ध नहीं है और गाड़ी खड़ी करना मजबूरी तो आप टंकी पर कपड़ा डाल दें। इससे फ्यूल बर्बाद होने के चांसेज कम हो जाते हैं। क्योंकि, फ्यूल टैंक को लाक करने के लिए जो ढक्कन होता है उसमें एयर के लिए सुराख बना होता है। जहां से फ्यूल हवा में उड़ता है।

सुबह-शाम ही भरवाएं पेट्रोल-डीजल

पेट्रोल हवा में न उड़े, इसके लिए आप सुबह या फिर शाम को टैंक में तेल डलवाएं। इस टाइम तापमान काफी हद तक कम रहता है। अजय मिश्रा बताते है कि गर्मी के दिनों में टेंप्रेचर अधिक होने के कारण पंप मालिक रिकवरी सिस्टम लगाते है। जिससे की वेस्ट होने वाले फ्यूल को बचाया जा सके। वैसे ऑयल कम्पनियां भी हवा में उड़ने वाले या वेस्ट होने वाले फ्यूल का मार्जिन लेकर चलती हैं। क्योंकि, उन्हें इसकी जानकारी होती है।

एवरेज में आती है कमी

गर्मी के दिनों में पेट्रोल कीचपत आपके व्हीकल्स के माइलेज को कम कर देती है। इसका अंदाजा आपको लग भी नहीं पता और आप लगातार टंकी में फ्यूल भरवाते रहते हैं। राजीव मालवीय ने बताया कि एक लीटर फ्यूल में करीब पन्द्रह से बीस एमएल का कस्टमर को नुकसान उठाना पड़ता है। किसी ने टंकी फुल करवाई तो नुकसान का एवरेज भी उसी अनुपात में बढ़ता है। इसका असर गाड़ी के फुल माइलेज पर पड़ना बेहद स्वभाविक है।

गर्मी के दिनों में ये आम बात है कि व्हीकल्स में पेट्रोल भरवाते वक्त एक लीटर में .ख्0 एमएल तक फ्यूल हवा में उड़ जाए। कस्टमर को फ्यूल टैंक लाक होने को चेक करते रहना चाहिए। लाक खराब होने पर फ्यूल काफी तेजी से उड़ता है।

राजीव मालवीय

एक टेम्परेचर पर लिक्विड गैस बनकर हवा में उड़ने लगता है। पेट्रोलियम प्रोडक्ट के साथ भी ऐसा ही होता है। पेट्रोल व डीजल का गैस बनकर उड़ने का प्वाइंट ब्ख् से ब्भ् डिग्री के बीच होता है। इस टेम्प्रेचर में तो पेट्रोल व डीजल भरवाते समय ही उसका कुछ हिस्सा हवा में उड़ जाता है।

-प्रो। आईआर सिद्दीकी,

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी

मेरी बाइक का एवरेज काफी कम हो गया है। इससे पाकेट पर भी असर पड़ने लगा है। पहले नहीं जानता था कि धूप में पेट्रोल उड़ता है। अब प्रयास करुंगा कि बाइक को छांव में खड़ी करूं।

विरेन्द्र गुप्ता

गर्मी में पेट्रेाल उड़ता है। इसके चलते बाइक व कार का माइलेज इफेक्टेड होने लगा है। पेट्रोल भरवाते समय ध्यान देने पर यह दिखता भी है, लेकिन क्या करें? आप्शन भी तो नहीं है।

पंकज त्रिपाठी

पेट्रोल की कीमत आसमान छू रही है। ऐसे में बिना व्हीकल्स ड्राइव किए तेल कम होता है तो काफी दिक्कत होती है। एक तो तेल कीमत और उस पर से ये उड़ने की समस्या, कुछ कर भी तो नहीं सकते।

देव्रतो

मैं स्टूडेंट हूं। सुबह कालेज उसके बाद कोचिंग जाना होता है। कुछ पर्सनल वर्क भी होते है। ऐसे में तेल खपत पर भी ध्यान देना पड़ता है। मैं अक्सर देखता हूं कि गाड़ी में जितना तेल डलवाता हूं उसके हिसाब से गाड़ी का एवरेज नहीं मिलता है।

राहुल मिश्रा