-एमएमएमयूटी वीसी ने ऑनलाइन छात्रों से बात कर की एग्जाम की चर्चा

-छात्रों को पढ़ने की दी सलाह

<-एमएमएमयूटी वीसी ने ऑनलाइन छात्रों से बात कर की एग्जाम की चर्चा

-छात्रों को पढ़ने की दी सलाह

GORAKHPUR: GORAKHPUR: मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो। श्री निवास सिंह ने सोमवार को चौथी बार विवि के स्टूडेंट्स और उनके पैरेंटस से फेसबुक लाइव के माध्यम से संवाद किया। आज का ये संवाद परीक्षा आयोजित न करा सकने की स्थिति में छात्रों को अगले सत्र में प्रमोट करने हेतु विवि द्वारा बनाये गए फॉर्मूले से संबंधित था।

यूनिवर्सिटी ने तैयार किया दो विकल्प

पिछले दिनों एमएमएमयूटी ने इस सत्र को पूरा करने और अगले सत्र को समय से आरम्भ करने के संबन्ध में दो तरह के विकल्प तैयार किए थे। पहला विकल्प था न्यूनतम समय सीमा के अन्दर एग्जाम कराकर परिणाम घोषित कर अगला सत्र शुरू करना पर यह तब ही संभव होगा जब जुलाई के आरम्भ में ही विवि खुलने की अनुमति मिले। यदि एग्जाम करा पाना संभव नहीं होता है तो विवि दूसरे विकल्प का प्रयोग करेगा। जिसके अंतर्गत बिना एग्जाम के सभी छात्रों को आतंरिक मूल्यांकन और पिछले सेमेस्टर के मूल्यांकन के आधार पर प्रमोट किया जाएगा। पिछले दिनों विवि ने दूसरे विकल्प के सम्बन्ध में अध्ययन कर एक विस्तृत फॉर्मूला तैयार किया था। इस फॉर्मूले को छात्रों से साझा कर उनकी राय मांगी गयी थी। इस रायशुमारी के दौरान छात्र-छात्राओं की बहुत सारी जिज्ञासाएं और प्रश्न विवि को प्राप्त हो रहे थे। इन्हीं सवालों का जवाब देने के लिए वीसी ने सोमवार फेसबुक लाइव संवाद किया।

ख्क् सौ छात्रों ने दी थी राय

लगभग ख्क्00 छात्रों ने पहले से लिखित प्रश्न और अपनी राय से विश्वविद्यालय को अवगत कराया था। वीसी जब ऑनलाइन संवाद के लिए सुबह क्क् बजे उपस्थित हुए तो ऑनलाइन जुड़े छात्रों ने, उनकी बातें सुनी। सबसे पहला सवाल था कि विवि छात्रों से राय क्यों ले रहा है? वीसी ने कहा कि विवि सभी छात्रों के भविष्य के लिए चिंतित है। विवि के निर्णय से किसी छात्र का नुकसान न हो इसलिए छात्रों से भी राय ली जा रही है। इसका एक लाभ यह भी है कि छात्रों की तरफ से यदि कोई अच्छा सुझाव आता है तो विवि उस पर भी विचार कर सकता है। कुलपति ने बताया कि प्रथम वर्ष के 8ब् फीसदी छात्र जबकि द्वितीय वर्ष के 87, तृतीय वर्ष के 90 और चतुर्थ वर्ष के 9ब् स्टूडेंट ने दूसरे विकल्प के लिए सहमति दी है।

एग्जाम होगा कि नहीं

छात्रों द्वारा पूछे जाने पर कि क्या यह निश्चित है कि एग्जाम नहीं होगा, वीसी ने कहा कि अभी यह तय नहीं है। दूसरा विकल्प तभी अपनाया जाएगा जब विवि के सांविधिक निकाय (विद्या परिषद् एवं प्रबंध बोर्ड) और शासन इससे सहमत होंगे। यह भी संभव है की अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए ही दूसरा विकल्प अपनाया जाए और शेष वर्ष के छात्रों के लिए एग्जाम तभी करायी जाए जब विवि खोलने की अनुमति मिले। वीसी ने छात्रों को नियमित पढ़ते रहने की सलाह दी ताकि विवि द्वारा कोई भी विकल्प अपनाए जाने की स्थिति में छात्र छात्राओं को दिक्तत न हो।

इंटरनेट की गति धीरे है

कुलपति ने यह भी बताया कि अंतिम वर्ष के सभी छात्रों के प्रोजेक्ट/ सेमिनार/ लघु शोध की ऑनलाइन मौखिक परीक्षा हो चुकी है और संभव है कि परीक्षा न हो पाने की दशा में शेष छात्रों को लिए भी ऑनलाइन माध्यम से वाईवा/ क्विज के लिए जाने की व्यवस्था की जाएगी। कई छात्रों ने कहा कि उनके यहां इंटरनेट की गति धीमी है जिसके कारण ऑनलाइन वाईवा/ क्विज देने में दिक्कत आ सकती है। वीसी ने कहा कि ऐसी स्थिति में टेलीफोन के माध्यम से छात्रों से संपर्क किया जाएगा। संवाद के अंत में वीसी ने सभी छात्र छात्राओं को स्वस्थ और सुरक्षित रहने की सलाह दी।