डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Nag Panchami 2023 : नाग पंचमी हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में एक माना जाता है। हर साल सावन माह की शुक्ल पक्ष पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस बार यह त्योहार 21 अगस्त दिन सोमवार को पड़ रहा है। इस बार नाग पंचमी का विशेष योग बन रहा है क्योंकि अधिक मास के समापन के बाद सोमवार को यह त्योहार है। मान्यता है कि सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। वहीं नाग भी भगवान शिव को अति प्रिय हैं। नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा की जाती है। नागों की पूजा करने से घर में सांपों का भय नहीं होता है। इसके अलावा काल सर्प दोष भी मिटता है। यह भी मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन जो लोग नाग देवता की पूजा करते है या व्रत रहते हैं नाग देवता अपनी कृपा से उनकी सात पीढ़ियों को सुरक्षित रखते है।

नाग पंचमी के नागों की पूजा

नाग पंचमी के दिन जो लोग नाग देवता की पूजा करते है या व्रत रहते हैं। नाग देवता अपनी कृपा से उनकी सात पीढ़ियों को सुरक्षित रखते है और अपने और उनके परिवार को कभी हानि नहीं पहुंचाते है। अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखते है। वहीं नाग पंचमी के दिन महिलायें मिट्टी का नाग नागिन बनाकर विधिवत पूजा करती हैं और अपने परिवार की सुरक्षा के लिये प्रार्थना भी करती हैं। इसके अलावा कुछ लोग अपने घर के द्वार के दोनों ओर गोबर के नाग नागिन का चित्र बनाकर उसकी पूजा करते है। इसके साथ ही नागों को दूध एवं खीर भी समर्पित करते हैं। लोग नाग-नागिन की कृपा का आशीर्वाद मांगते हैं कि उनके और उनके परिवार पर कभी नाग नागिन की कुदृष्टि न पड़े।

नाग पंचमी पर प्रचलित कथा

नाग पंचमी को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। एक कथा यह भी है कि एक किसान अपने खेत में हल चला रहा था तभी उसके हल से नाग के बच्चों की कटकर माैत हो जाती है। इस पर नागिन क्रोधित होकर बदला लेने के लिए किसान के घर जाती है और उसके परिवार के सभी सदस्यों को डस लेती है। सबकी मृत्यु हो जाती है केवल किसान की एक पुत्री बचती है। इस पर जब नागिन को पता लगता है तो वह दूसरे दिन उसकी बेटी को डसने जाती है लेकिन वह नागिन के सामने दूध रख देती और उससे प्रार्थना करती है कि अतिथि के रुप में मैं आपके लिए दूध लायी हूं। वह नाग देवता से विनती और पूजा करती है जिससे नागिन प्रसन्न हो जाती है और अपने आशीर्वाद से उसके माता-पिता सबको जीवित कर देती है। इसी वजह से लोग नाग पंचमी के दिन नाग देवता को दूध चढ़ाते है या पिलाते है। कुछ लोग खीर भी खिलाते है।