नई दिल्ली (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के अवसर पर नागरिकों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि श्रद्धा से भरी यह यात्रा समृद्धि और सौभाग्य लाती है। भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के शुभ अवसर पर आप सभी को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। पीएम माेदी ने एक ट्वीट में कहा कि मैं चाहता हूं कि श्रद्धा और भक्ति से भरी यह यात्रा देशवासियों के जीवन में सुख, समृद्धि, सौभाग्य और स्वास्थ्य लाए। मंगलवार को पहली बार भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों की वार्षिक रथ यात्रा ओडिशा के पुरी में भक्तों की अनुपस्थिति में शुरू हुई।

500 से अधिक लोगों को रथ खींचने की अनुमति नहीं दी गई

सुप्रीम कोर्ट द्वारा जनता की उपस्थिति के बिना सीमित तरीके से इसे आयोजित करने के लिए वार्षिक रथ यात्रा निकाली जा रही है। पुरी में तीन देवताओं को तीन पारंपरिक रूप से लकड़ी के रथ - नंदीघोष (जगन्नाथ के लिए), तल्धवाज (बलभद्र के लिए) और दर्पदलन (सुभद्रा के लिए) ले जाया गया। रथों को पुरी के गुंडिचा मंदिर तक खींचा जाएगा, जो मुख्य जगन्नाथ मंदिर से लगभग तीन किमी दूर है। इस साल, मंदिर के सेवादारों और पुलिस कर्मियों सहित 500 से अधिक लोगों को रथ खींचने की अनुमति नहीं दी गई है।

जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक की वार्षिक यात्रा होती

रथ खींचने की अनुमति उन्हीं लोगों को दी गई है जिनकी कोरोना वायरस टेस्टिंग रिपोर्ट निगेटिव आई है। इस त्योहार में तीनों देवताओं - भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की 12 वीं शताब्दी के जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक की वार्षिक यात्रा होती है। यह त्योहार नौ दिनों के बाद समाप्त होता है जब देवता जगन्नाथ मंदिर में वापस जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद, पुरी में आंशिक रूप से कर्फ्यू लगा दिया गया है और सोमवार रात से शहर के सभी प्रवेश स्थानों को सील कर दिया गया है।

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