अंबेडकर जयंती पर सोमवार को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में एक चुनावी रैली में उन्होंने गांधी नेहरू परिवार पर निशाना साधते हुए कहा, "एक ही परिवार के तीन लोगों को भारत रत्न मिला और तुरंत मिला लेकिन डॉ. अंबेडकर के निधन के 40 साल बाद उन्हें भाजपा के सहयोग वाली सरकार ने भारत रत्न दिया."

भारतीय संविधान के निर्माता कहे जाने वाले डॉ. अंबेडकर को 1990 में भारत रत्न दिया गया और उस समय देश में राष्ट्रीय मोर्चा और वाम मोर्चा की सरकार थी जिसका नेतृत्व वीपी सिंह कर रहे थे और भाजपा का उसे समर्थन प्राप्त था.

मोदी ने कहा, "अगर बाबा साहब अंबेडकर न होते तो मेरे जैसा अति पिछड़े परिवार में पैदा हुआ व्यक्ति आज इस जगह पर खड़ा न होता. ये बाबा साहब अंबेडकर की कृपा है जो मैं आज आपके सामने खड़ा हूं."

अपने भाषण से जहां उन्होंने दलितों को लुभाने की कोशिश की, वहीं एक फिर कांग्रेस और यूपीए सरकार पर निशाना साधा.

भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव में दलितों को लुभाने के लिए रामविलास पासवान और रामदास अठावले जैसे नेताओं के साथ गठबंधन कर चुकी है जबकि दलित नेता उदित राज पार्टी के टिकट पर दिल्ली से किस्मत आज़मा रहे हैं.

मोदी ने अंबेडकर जयंती पर उत्तर प्रदेश में रैली कर अंबेडकर की तारीफ़ की है जहां दलित वोट बैंक को बहुजन समाज पार्टी के पीछे लामबंद माना जाता है.

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