भारत-रूस के बीच वार्षिक शिखरवार्ता
पीएम मोदी और रूसी प्रधानमंत्री मेदवेदेव के बीच हुई यह मुलाकात कई मायनों में महत्वपूर्ण थी, क्योंकि अगले महीने भारत-रूस के बीच वार्षिक शिखरवार्ता होने वाली है. अब ऐसे में दोनों राष्ट्राध्यक्षों का एक-दूसरे से मिलना काफी महत्वपूर्ण था. फिलहाल इस मुलकात के बाद मोदी आज दो दिवसीय ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रवाना हो जायेंगे, वहां वे जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. आपको बताते चलें कि रूस के पीएम से मुलाकात मोदी के म्यांमार, ऑस्ट्रेलिया और फिजी की 10 दिवसीय यात्रा के तीसरे दिन उनकी पहली राजनीति वार्ता थी.

संबंध और होंगे मजबूत
म्यांमार इंटरनेशनल कांफ्रेंस सेंटर में मुलाकात के दौरान मेदवेदेव ने भारत-रूस रिश्तों पर चर्चा करते हुये मोदी से कहा, 'भारत हमारे लिये करीबी और मूल्यांकन साझेदार है.' हालांकि इसके जवाब में मोदी ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होंगे. इस दौरान मोदी ने 2001 में हुई अपनी रूस यात्रा को भी याद किया, जिसमें इस दौरान मोदी ने दोनों देशों की संघीय इकाइयों-राज्यों और क्षेत्रों के और अधिक सहयोग की जरूरत भी बताई जिसका मेदवेदेव ने समर्थन किया. आपको बताते चलें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगले महीने 15वीं वार्षिक भारत-रूस शिखरवार्ता के लिये नई दिल्ली आ रहे हैं.

परमाणु और ऊर्जा क्षेत्रों पर जोर
गौरतलब है कि जुलाई में ब्राजील में ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन से इतर पुतिन के साथ अपनी पहली मुलाकात में मोदी ने परमाणु, रक्षा और ऊर्जा क्षेत्रों में रूस के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने की वकालत की थी. तब पीएम मोदी ने पुतिन को वार्षिक शिखरवार्ता के लिये उनकी भारत यात्रा के दौरान कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र का भ्रमण करने का भी न्योता दिया था.

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